वाराणसी। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे जैन धर्म के महान पर्व पर्युषण के छठवें दिन 15 सितंबर को जैन मंदिरों में विशेष पूजन के साथ अनंत चतुर्दशी पूजा प्रारंभ हुई। श्रीफल, चंदन, अक्षत, पुष्प, बादाम चढ़ाकर श्रावकों ने संस्कृत के श्लोकों एवं मंत्रोच्चारण के साथ तीर्थंकरों का पंचाभिषेक किया। चौबीसी पूजन एवं श्रीजी भगवान की शान्ति धारा दैविक आपदाओं को रोकने के लिए की गई। 10 लक्षण पूजा विधान नित्य की भाँति किए जा रहे हैं ।
भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्मभूमि (तीर्थक्षेत्र) भेलुपूर में बुधवार को प्रातः मंदिर जी में धर्म के 10 लक्षणों पर विशेष व्याख्यान के छठवें दिन “ उत्तम संयम धर्म “ पर बोलते हुए आचार्य श्री 108 विशद सागर जी ने कहा-“ संयम मनोरंजन के लिए नहीं, आत्म रंजन के लिए होता है। ये मन चंचल है, गलत दिशाओं में जल्द प्रवृत्त होता है । इन्द्रियां यानी स्पर्श , जीभ , नाक , आँखें और कान अपने मन को गलत विषयों में लगा देते हैं । मन को सही दिशा में रखने के लिए , संयम रूपी ब्रेक लगाना ज़रूरी है ।संयम , नियम , मर्यादा , अनुशासन से जीवन महान बनता है और लक्ष्य हासिल होता है । अतः संयम को रत्न की भाँति सम्भाल कर रखना चाहिए। मुनिश्री ने कहा संयम हमें मर्यादा में रहना सिखाता है। सात्विक भोजन से जीवन संयमित रहता है। अहिंसा, संयम और तप ही धर्म है। मानव जीवन की शोभा संयम से होती है विषय भोगों से नहीं। सायंकाल कश्मीरी गंज खोजवा स्थित श्री 1008 अजित नाथ दिगंबर जैन मंदिर में शास्त्र प्रवचन करते हुए प्रोफ़ेसर फूलचंद प्रेमी ने कहा संयम से आध्यात्म की कसौटी है।
भोग-उपभोग की सीमा तय करना ही संयम है। जीवन का निर्वाह संयम के बिना असंभव है। सायंकाल नगर की समस्त जैन मंदिरों में शास्त्र प्रवचन, भजन, भगवान पार्श्वनाथ, देवी पद्मावती माता जी एवं क्षेत्रपाल बाबा की सामूहिक आरती की गई। महिला मंडल द्वारा वाद-विवाद विषय टी.वी. एवं मोबाइल वर्तमान में कितने प्रासंगिक हैं पर प्रतियोगिता आयोजित की गई।
आयोजन में प्रमुख रूप से सर्वश्री दीपक जैन, राजेश जैन, अरुण जैन, जिवेंद्र कुमार जैन, वी. के. जैन, राजेश भूषण जैन, आर.सी . जैन, श्रीमती प्रमिला सामरिया, ऊषा जैन उपस्थित थीं। यह विवरण राजेश जैन उपाध्यक्ष श्री दिगंबर जैन समाज काशी ने दी।
Posted On:Wednesday, September 15, 2021