नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (न्यूज हेल्पलाइन) आज टाटा संस के के लिए बहुत शानदार दिन रहा। आज टाटा संस ने राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली को जीत कर फिर से एयरलाइन क्षेत्र में प्रवेश कर लिया। इससे 68 साल पूर्व यह एयरलाइन टाटा कंपनी के ही अधिकार में थी, जिसे भारत सरकार ने अधिगृहीत कर लिया था।
आज शाम 4 बजे के आसपास एयर इंडिया के खरीद के लिए लगाए गए बोलियों पर अंतिम फ़ैसला सुनाते हुए दीपम सचिव तुहीन कांता पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बारे में ऐलान किया। ज्ञात हो कि इस बारे में पहले ही घोषणा कर दी गई थी कि आज शाम तक एयर इंडिया पर अंतिम फ़ैसला आ जाएगा।
दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे ने इस बोली की डीटेल बताते हुए हुए कहा कि 31 अगस्त 2021 तक एयर इंडिया पर कुल कर्ज 61,562 करोड़ रुपए है। सफल बोली लगाने वाले द्वारा 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा। सफल बोलीदाता (टाटा संस) द्वारा लिए गए ऋण के बाद ऋण की स्थिति 46,262 करोड़ रुपए रहेगी।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार की ओर एयर इंडिया को पूरी तरह से प्राइवेट हाथों में देने के लिए बोलियांआमंत्रित की गई थी, जिसमें टाटा संस टाटा सन्स ने सबसे ज्यादा बोली लगाई। अंतिम बीड में टाटा सन्स ने 18 हजार करोड़ रुपए में एयर इंडिया को खरीदा है। हालांकि स्पाइस जेट के अजय सिंह ने भी इसके लिए बोली लगाई थी, पर टाटा ने यह रेस जीत ली। ज्ञात हो कि टाटा सन्स की एयर इंडिया और इसके दूसरे वेंचर एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि ग्राउंड-हैंडलिंग कंपनी एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में भी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
एयर इंडिया के लिए टाटा संस द्वारा बोली जीतने पर रतन टाटा ने ट्वीट किया "वेलकम बैक, एयर इंडिया,"। आगे रत्न टाटा ने एयर इंडिया के साथ JRD टाटा के साथ संबंधों को याद करते हुए एयर इंडिया को फिर से ऊंचाइयों पर पहुंचाने का प्रण दोहराया। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के कुछ क्षेत्रों के लिए अपनाए गए निजीकरण के नीति के लिए भी प्रशंसा की।
दूसरी तरफ एयर इंडिया की बोली जीतने पर टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने खुशी जताते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है, और हमारे समूह के लिए देश की ध्वजवाहक एयरलाइन का स्वामित्व और संचालन करना एक दुर्लभ विशेषाधिकार होगा। हमारा प्रयास एक विश्व स्तरीय एयरलाइन बनाने का होगा जो हर भारतीय को गौरवान्वित करे।