नई दिल्ली, 15 मई । कोरोना संक्रमण काल के दौरान इस पर काबू पाने के लिए लगाई गई लॉकडाउन जैसी पाबंदियों की वजह से उद्योग जगत पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। खासकर लघु और मंझोले उद्योग (एमएसएमई) के जुड़े उद्यमियों का स्थिति पैसा फंस जाने के कारण ज्यादा डांवाडोल हो गई है। ऐसे उद्यमियों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने आज से एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत उद्योग जगत, खासकर लघु और मंझोले उद्योग से जुड़े उद्यमियों के टैक्स रिफंड और ड्यूटी ड्रॉबैक क्लेम को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा।
बताया जा रहा है कि इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) आज से शुरू हुए इस अभियान को 31 मई तक चलाएगा, जिससे कोरोना संकट की मार झेल रहे उद्यमियों को तत्काल राहत मिल सके। इस अभियान में लघु और मंझोले उद्योगों से जुड़े उद्यमियों और छोटे कारोबारियों के टैक्स रिफंड और ड्यूटी ड्रॉबैक क्लेम के सेटलमेंट को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
सीबीआईसी की ओर से जारी एक निर्देश में कस्टम्स और सेंट्रल टैक्स डिपार्टमेंट की सभी फील्ड यूनिट्स से रिफंड और ड्यूटी ड्रॉबैक से जुड़े सभी दावों को प्राथमिकता के आधार पर प्रोसेस करने और निपटाने के लिए कहा गया है। इस निर्देश में कहा गया है कि लघु और मंझोले उद्योग से जुड़े उद्यमियों और छोटे कारोबारियों के पेंडिंग रिफंड और ड्यूटी ड्रॉबैक के दावों को समय से निपटाना जरूरी है। ऐसा करने से कठिनाई से भरे इस दौर में उद्यमियों को तत्काल राहत मिल सकेगी।
सीबीआईसी के निर्देशों में कहा गया है कि रिफंड और ड्यूटी ड्रॉबैक दावों को निपटाने के इस विशेष अभियान को अंजाम देने के लिए बड़े व्यवसायी और औद्योगिक संगठनों खासकर निर्यातकों के साथ तालमेल बैठाकर काम किया जाएगा, ताकि आवेदकों को रिफंड और ड्यूटी ड्रॉबैक के दावों का भुगतान पाने में सहूलियत हो सके।
उल्लेखनीय है कि सीबीआईसी ने पिछले साल भी कोरोना के पहले चरण के दौरान उद्योग जगत को राहत पहुंचाने के लिए इसी तरह का विशेष अभियान चलाया था, जिसका उद्योग जगत को फायदा भी मिला था।