नई दिल्ली -1 जून 2021 - देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Covid infection) के सेकेंड वेव (Second Wave) की गंभीरता कुछ घटी है। इसके साथ ही अस्पताल में मेडिकल ऑक्सिजन (liquid oxygen) की मांग घटने लगी है। ऑक्सिजन सिलेंडर को रिफिल कराने से संबंधित मदद की मांग की जाती थी अब इसमें काफी कमी आई है। इसके चलते केंद्र सरकार ने प्राथमिकता वाले कुछ उद्योगों के लिए ऑक्सिजन (liquid oxygen) उपयोग पर लगे प्रतिबंध में ढील देने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस पर DPIIT फैसला ले सकती है।
भारत के गृह मंत्रालय की तरफ से एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि फर्नेस, रिफायनरी, स्टील एल्मुनियम, कॉपर प्रोसेसिंग प्लांट, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) और निर्यात आधारित इकाई जिसमें प्रोडक्शन के लिए ऑक्सिजन (liquid oxygen) का इस्तेमाल होता है। लिक्विड ऑक्सिजन (liquid oxygen) का उपयोग इस्पात निर्माण, रसायन, दवा (medicine), पेट्रोलियम प्रोसेसिंग और कागज निर्माण के सेक्टर में भी किया जाता है। गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कहा है कि DPIIT इन उद्योगों को लिक्विड ऑक्सिजन (liquid oxygen) की सप्लाई करने की इजाजत दे सकती है।
आगे यह भी कहा गया कियह ध्यान रखना होगा कि राज्यों में अस्पतालों या अन्य उद्देश्य के लिए लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन (liquid oxygen) की आपूर्ति में कोई बाधा ना आए। इसके साथ ही दवा और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को भी ऑक्सिजन सिलेंडर की सप्लाई निर्बाध रूप से की जानी चाहिए ।