नई दिल्ली, 13 अप्रैल । घरेलू बाजार में एक बार फिर महंगाई हावी होती नजर आने लगी है। खुदरा बाजार की महंगाई का अनुमान लगाने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) ने मार्च के महीने में फरवरी की तुलना में 0.49 फीसदी की छलांग लगाई है। मार्च के महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 5.52 फीसदी हो गया, जबकि इसके पहले के महीने फरवरी में सीपीआई 5.03 फीसदी के स्तर पर था।
आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू महंगाई दर को बढ़ाने में मछली, मीट, अंडा, खाने के तेल और घी, फल और मसालों का अहम योगदान रहा। इनमें मीट और मछली की कीमत में करीब 15.09 फीसदी, अंडे में 10.6 फीसदी, खाने के तेल और घी में 24.92 फीसदी, फल में 7.86 फीसदी और मसालों में 6.72 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। सब्जियों और चीनी की कीमतों में तुलनात्मक तौर पर राहत रही। सब्जियों की कीमत में 4.83 फीसदी की कमी हुई, जबकि चीनी और बेकरी उत्पादों की कीमतों में 0.53 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
खुदरा महंगाई दर के ताजा आंकड़ों के अनुसार खाने-पीने के सामान की कीमतों में सबसे ज्यादा तेजी आई है। इसके कारण मार्च के महीने में खाद्य महंगाई दर भी 3.87 फीसदी से बढ़कर 4.94 फीसदी हो गई। हालांकि इसमें राहत की बात यही रही कि इस दौरान सब्जियों की कीमत में आई कमी से लोगों को कुछ सुकून मिला।खाने पीने के सामानों की तरह ही पेट्रोल और डीजल ने तेज छलांग लगाई है, तो खपत बढ़ने से इस मद में खर्च भी बढ़ा है। मार्च के महीने के दौरान फ्यूल और बिजली की कीमत में 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसी तरह हेल्थ केयर में 6.17 फीसदी और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में 5.92 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा कपड़े 4.37, फुटवियर 4.23 और हाउसिंग सेक्टर की कीमत में ओवरऑल 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी का ये आंकड़ा तब सामने आया है, जब भारतीय रिजर्व बैंक कोरोना संक्रमण काल में महंगाई को काबू में रखने पर विशेष ध्यान दे रहा है। महंगाई को बेकाबू होने से बचाने के इरादे से ही आरबीआई ने ब्याज दरों को लगातार पांचवीं बार जस का तस रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था के हिसाब से 2 से 6 फीसदी तक के महंगाई दर को नियंत्रित महंगाई माना है। यानी 6 फीसदी तक की महंगाई दर को भारतीय अर्थव्यवस्था संभाल सकती है। इस लिहाज से अभी खुदरा महंगाई दर बढ़ने के बाद भी ये रिजर्व बैंक की ओर से तय अधिकतम रेंज (6 फीसदी) के अंदर ही है।