मुंबई, 16 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) पर CII के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे संस्करण को आज मंगलवार 16 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधाइट करते हुए केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अगला वैश्विक निवेश हॉटस्पॉट होगा।
अपने संबोधन में केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री ने आगे कहा कि हाल ही में सीआईआई-अर्नस्ट एंड यंग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगला निवेश वैश्विक हॉटस्पॉट होगा। हमारे पास 2025 तक 120- 160 बिलियन डॉलर की सीमा में वार्षिक FDI आकर्षित करने की क्षमता है। पिछले सात वर्षों में हमने एक रिकॉर्ड FDI देखा है। और यह देखते हुए मैं यह आशा करता हूं कि यह आगामी वर्षों में और तेज होगा।
पीयूष गोयल ने अपने संबोधन में आगे कहा कि वैश्विक भावनाएं 'व्हाई इंडिया?' से 'व्हाई नॉट इंडिया' में बदल गई हैं, और आज 'हमें भारत में होना चाहिए!' आज दुनिया में कहीं से भी अधिक सफलता की कहानियां हैं, 71 यूनिकॉर्न। अक्टूबर '2011 के लिए नौकरी जॉब्सपीक इंडेक्स में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में रोजगार में 43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। हमारा मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई (उच्च है) और सर्विस पीएमआई एक दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह सब आशान्वित करते हैं।
वाणिज्य मंत्री ने CII के सम्मेलन में आगे कहा कि सरकार ने निवेश के माहौल में सुधार के लिए कई प्रमुख नीति और कारोबारी सुधार पेश किए हैं। एयर इंडिया के निजीकरण जैसा निकटतम और सबसे हालिया निर्णय, जिसकी टाटा समूह द्वारा सफलतापूर्वक बोली लगाई गई थी, उस बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण पूर्वव्यापी कर को हटाना, जो मुझे विश्वास है, कई वर्षों से निवेश के माहौल के मामले में हमें महंगा पड़ा है, खनन में, कोयला क्षेत्र में जिस तरह के सुधार, हम बिजली में करने की उम्मीद कर रहे हैं, भारत में विशाल अक्षय ऊर्जा विकास की कहानी, ये सभी चीजें, मुझे लगता है, हमें एक उज्जवल भविष्य की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
अपनी सरकार की उपलब्धियों और कार्यों को बताते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) को निवेशकों के लिए आवश्यक मंजूरी और मंजूरी के लिए वन-स्टॉप-शॉप के रूप में शुरू किया गया है। साथ ही पोर्टल 18 केंद्रीय विभागों और 9 राज्यों में अनुमोदन की मेजबानी करता है। अन्य 14 केंद्रीय विभाग और 5 राज्य भी इसी साल के दिसंबर तक जोड़े जाएंगे।
इसके साथ ही केन्द्रीय वानजी मंत्री ने आगे कहा कि भारत में बहु-राष्ट्रीय निगमों (MNC) के लिए सभी सही सामग्रियां हैं और यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद कर सकता है। विविध व्यवसाय परिदृश्य, कानून का शासन और पारदर्शी प्रणाली, कुशल कार्यबल और कम श्रम लागत, कोई जबरन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण नहीं। MNC को 'ब्रांड इंडिया' को दुनिया के सामने ले जाने और भारत की संस्कृति, गुणवत्ता और मूल्यों के राजदूत बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत की विकास गाथा का एक अभिन्न अंग रही हैं और उनका योगदान बहुत बड़ा है।
पीयूष गोयल ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि चाहे यह अत्यधिक कुशल प्रबंधकीय प्रतिभा के निर्माण के मामले में हो, चाहे वह भारत में अच्छी व्यावसायिक प्रथाओं या अच्छी विनिर्माण प्रथाओं का निर्माण कर रहा हो, चाहे वह अच्छा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व हो और ऐसी सामाजिक पहल जो हमारे कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा की जाती है। चाहे वह कौशल विकास हो, मुझे लगता है, जब भारत में कौशल विकास की बात आती है, तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों का बहुत बड़ा योगदान होता है, और इन सभी का अर्थव्यवस्था पर गुणक प्रभाव पड़ा है।
पीयूष गोयल ने अपने संबोधन के अंत में कहा सरकार और उद्योग के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया। यह साझेदारी अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि आज के समय में यह हमें विचार देती है, यह हमें विचार देती है, यह हमें यह समझने का अवसर देती है कि आप कहां से आते हैं, क्या करने की आवश्यकता है और, मुझे लगता है, इस साझेदारी को और मजबूत करने की आवश्यकता है जैसे हम साथ चलते हैं।