मुंबई, 8 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) प्राइवेट सेक्टर की देश की एक प्रमुख बैंक इंडसइंड बैंक के शेयर आज सोमवार 8 नवंबर को एकाएक साढ़े दस प्रतिशत से ज्यादा गिर गए। कारण एक रिपोर्ट जिसमें कहा गया कि प्राइवेट सेक्टर के इस दिग्गज बैंक ने बिना ग्राहकों की अनुमति के उनके खातों में लोन पास करके पैसे भेज दिए। इस गलती की स्वीकृती का खामियाजा बैंक को आज भुगतना पड़ा।
ज्ञात हो कि इंडसइंड बैंक ने यह स्वीकार किया कि उसने मई में तकनीकी गड़बड़ी के कारण 84,000 हजार ग्राहकों को बिना उनकी सहमति के लोन दिया था। निजी क्षेत्र के बैंक ने सफाई देते हुए कहा कि फील्ड कमचारियों ने दो दिन के भीतर ही बिना सहमति के ग्राहकों को लोन देने की सूचना दी थी, जिसके बाद इस गड़बड़ी को तेजी से ठीक कर लिया गया।
इस खबर पर शेयर बाजार ने आज सोमवार को बहुत तेज प्रतिक्रिया दिखाई और देखते ही देखते 1200 से ज्यादा के स्तर पर कारोबार करने वाले शेयर एकाएक गिरकर एक हजार के आसपास पर आ गिरें। आज सोमवार 8 नवंबर को एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर इंडसइंड बैंक के शेयर 12 प्रतिशत से ज्यादा तक गिरकर 1,041.60 के स्तर पर आ गए थे। हालांकि शाम होते-होते कंपनी के शेयरों ने थोड़ा सुधार किया और अंततः यह 94.25 अंक और 8.14 प्रतिशत गिरकर 1,063.95 पर बंद हुए।
दरअसल मामला यह है कि एक व्हिसलब्लोअर ने बैंक प्रबंधन और आरबीआई को इंडसइंड बैंक की सहायक इकाई BFIL द्वारा दिए गए इस तरह के लोन के बारे में एक पत्र लिखा था, जिसमें कुछ शर्तों के साथ लोन के नवीनीकरण (लोन एवरग्रीनिंग) का आरोप लगाया गया है। यह ग्राहक के बिना अनुमति के अपण अकाउंट को साफ रखने के लिए किया गया कार्य बताया गया था।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस बात के खुलासे के बाद बैंक ने हालांकि सफाई देते हुए कहा था कि हम लोन एवरग्रीनिंग के आरोपों का पूरी तरह से खंडन करते है। BFIL द्वारा जारी और प्रबंधित लोन नियामक द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करने के बाद ही दिए गए। साथ ही बैंक ने यह माना कि मई 2021 में तकनीकी गड़बड़ी के कारण करीब 84,000 ग्राहकों को बिना अनुमति के लोन दिए गए थे, जिसे सुधार कर लिया गया था।