नई दिल्ली, 13 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) विगत दिनों देश में सब्जियों से लेकर तेल, पेट्रोल, एलपीजी गैस इत्यादि सभी रोजमर्रा की चीजों में वृद्धि देखने को मिली है। इससे देश की जनता महंगाई से परेशान हो रही है। इसी बढ़ते महंगाई को आज 12 नवंबर को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में भी देखा जा सकता है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने 2012 को आधार वर्ष बना कर अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों के लिए उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) को आज जारी किया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्टूबर 2021 में खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर 2021 के 4.35% की तुलना में बढ़कर 4.48 प्रतिशत हो गया है। अर्थात आम लोगों पर महंगाई का बोझ और भी बढ़ गया है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सितंबर 2021 के मुकाबले अक्टूबर 2021 में जहां गांवों में खुदरा मुद्रास्फीति कम हुई है, वहीं शहरों में इन दो महीनों के अंतराल में खुदरा मुद्रास्फीति में भारी वृद्धि दर्ज हुई है। ज्ञात हो कि सितंबर 2021 में गांवों में खुदरा मुद्रास्फीति 4.13 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर 2021 में घटकर 4.07 प्रतिशत हो गई। वहीं, अगर शहरों की बात करें तो सितंबर 2021 में शहरों में जहां खुदरा मुद्रास्फीति 4.57 प्रतिशत थी, वह अक्टूबर 2021 में बढ़कर 5.04 प्रतिशत हो गई है। इसका यह भी अर्थ हुआ कि खुदरा मुद्रास्फीति ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग प्रभाव डाला है।
वहीं अगर पिछले साल यानी साल 2020 के अक्टूबर से तुलना करें तो खुदरा मुद्रास्फीति में इस साल भारी राहत मिली है। अक्टूबर 2020 के 7.61 प्रतिशत के खुदरा मुद्रास्फीति की तुलना में अक्टूबर 2021 में मात्र 4.48 प्रतिशत खुदरा मुद्रास्फीति की दर दर्ज की गई है। हालांकि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में आई कमी से अगले महीने की खुदरा मुद्रास्फीति की दर थोड़ी सुधरी हुई हो सकती है।