नई दिल्ली, 1 फरवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-22 लोकसभा में प्रस्तुत किया। बजट 2022-23 में केंद्र सरकार ने कई लोकलुभावन वादे और घोषणाएं की, मगर विपक्ष को केन्द्र सरकार का यह बजट बिल्कुल भी पसंद नहीं आया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बजट को बेहद निराशाजनक बताते हुए कहा क ऐसा लगता है कि इस बजट में कुछ भी नहीं है। यह आश्चर्यजनक रूप से निराशाजनक बजट है। जब आप भाषण सुनते हैं, तो मनरेगा का, रक्षा का, जनता के सामने आने वाली किसी अन्य जरूरी प्राथमिकताओं का कोई जिक्र नहीं होता है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बजट पर आगे कहा कि देश अभी भयानक मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है और बजट में मध्यम वर्ग के लिए कोई कर राहत नहीं है। यह एक ऐसा बजट है जो 'अच्छे दिनों' की मृगतृष्णा को और भी दूर धकेलता दिख रहा है। अब भारत 100 पर है, हमें 'अच्छे दिनों' के आने के लिए 25 साल और इंतजार करना होगा।
वहीं, भाजपा और वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियों की घोर विरोधी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) पार्टी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बेरोजगारी और महंगाई से कुचले जा रहे आम लोगों के लिए बजट शून्य है। सरकार बड़े शब्दों में खो गई है, जिसका कोई मतलब नहीं है।
काँग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि भारत के वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग महामारी, चौतरफा वेतन कटौती और बैक ब्रेकिंग मुद्रास्फीति के समय में राहत की उम्मीद कर रहे थे। एफएम और पीएम ने उन्हें प्रत्यक्ष कर उपायों में फिर से निराश किया है। यह भारत के वेतन वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है।
वहीं, इन सब के विपरीत केंद्रीय मंत्री किरण रिजूजू ने बजट पर खुशी जताते हुए कहा कि यह बहुत अच्छा बजट है। यह एक बहुत ही समावेशी बजट है जो गरीबों, ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों और पूर्वोत्तर में रहने वाले लोगों सहित समाज के हर वर्ग के हितों का ख्याल रखता है।