मुंबई, 22 जुलाई ऐसा लग रहा है जैसे विदेशी कंपनियों ने भारतीय कानूनों को न मानने का ठीका ले रखा है। ट्विटर के बाद अब मास्टर कार्ड ने भी भारतीय कानूनों को मानने से इनकार किया है और इसका खामियाजा भी मास्टर कार्ड को भुगतना पड़ रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के द्वारा जारी नियमों के अनुपालन न करने के कारण आज 22 जुलाई से भारत में नया मास्टर कार्ड इशू नहीं किया जाएगा, हालांकि पुराने ग्राहकों पर इस प्रतिबंध का कोई असर नहीं होगा।
ज्ञात हो कि यूएस-आधारित मास्टरकार्ड भारत में एक बहुत लोकप्रिय कार्ड जारी करने वाली संस्था है, जिससे भारत के करोड़ों लोग अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से जुड़े हुए हैं। विगत हफ्ते भारत के बैंकों के बैंक आरबीआई ने मास्टर कार्ड को देश में नए कार्ड इशू करने पर अनिश्चित काल के लिए रोक लगाने की घोषणा कर दी थी, क्योंकि वह आरबीआई के निर्धारित डाटा कानूनों के अनुसार कार्य करने को तैयार नहीं था।
आरबीआई के इस आदेश के तहत कल 21 जुलाई को मास्टर कार्ड द्वारा नए कार्ड इशू करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। इस आदेश के तहत आज 22 जून से मास्टर कार्ड पर नए कार्ड इशू करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। विदित हो कि आरबीआई ने मास्टर कार्ड को एक हफ्ते का समय इस लिए दिया था ताकि वह पेंडिंग निवेदनों को निपटा सकें।
बता दें कि आरबीआई ने इससे पहले भी दो विदेशी कार्ड कंपनियों को डाटा नियम न मानने पर नए ग्राहक बनाने पर रोक लगा दी थी। इस तरह मास्टर कार्ड ऐसी तीसरी कार्ड कंपनी होगी जिसपर नए कस्टमर बनाने पर आरबीआई द्वारा रोक लगाई गई है। इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगने से अगर सबसे ज्यादा किसी कंपनी को लाभ होगा तो वह है वीजा।
मास्टर कार्ड पर आज से लागू हुए प्रतिबंध के बारे में आरबीआई ने एक बयान में कहा "भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज 22 जुलाई, 2021 से अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहकों (डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड) को शामिल करने से मास्टरकार्ड एशिया / पैसिफिक प्राइवेट लिमिटेड (मास्टरकार्ड) पर प्रतिबंध लगा दिया है।"