नई दिल्ली, 23 सितंबर (न्यूज हेल्पलाइन) भारत सरकार ने पेटेंट (संशोधन) नियम, 2021 को अधिसूचित कर दिया है। इस संसोधन में शैक्षणिक संस्थानों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत केंद्र सरकार ने ज्ञान अर्थव्यवस्था में नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से और मिशन आत्मानिर्भर भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास में, पेटेंट फाइलिंग और अभियोजन के लिए 80% कम शुल्क से संबंधित लाभों को शैक्षणिक संस्थानों तक भी बढ़ाया गया है। केंद्र ने इस संबंध में पेटेंट नियमों में संशोधन को अधिसूचित कर दिया है।
ज्ञात हो कि शिक्षण संस्थान कई शोध गतिविधियों में संलग्न हैं, जहां प्रोफेसर, शिक्षक और छात्र कई नई प्रौद्योगिकियां उत्पन्न करते हैं, जिन्हें उसी के व्यावसायीकरण की सुविधा के लिए पेटेंट कराने की आवश्यकता होती है। उच्च पेटेंट शुल्क इन प्रौद्योगिकियों को पेटेंट कराने के लिए एक प्रतिबंधात्मक तत्व प्रस्तुत करते हैं और इस प्रकार नई प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए एक निरुत्साह के रूप में काम करते हैं। इसी समस्या की तरफ ध्यान देते हुए पेटेंट (संशोधन) नियम, 2021 में पेटेंट शुल्क को 80 प्रतिशत कम कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि ज्ञान अर्थव्यवस्था में नवाचार और रचनात्मकता के पोषण के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत हाल के वर्षों में अपने बौद्धिक संपदा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में काफी प्रगति कर रहा है। नवाचार के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए, उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग उद्योग और शिक्षाविदों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है। यह शैक्षिक संस्थानों में किए गए अनुसंधान के व्यावसायीकरण को सुविधाजनक बनाकर प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के लिए पहल के संबंध में, स्टार्टअप द्वारा दायर पेटेंट आवेदनों के लिए 80% शुल्क रियायत प्रदान की गई है। ज्ञात हो कि पेटेंट (संशोधन) के नए नियम 21 सितंबर से लागू हैं।
शिक्षण संस्थानों के लिए पेटेंट फी में कमी के अलावे भी पेटेंट (संशोधन) नियम, 2021 मे की ऐसे बदलाव किये गए हैं जो इस दिशा में क्रांति लाने का कार्य करेगी। यथा- नए परीक्षकों की भर्ती करके जनशक्ति में वृद्धि, पेटेंट आवेदन करने और देने की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करना, त्वरित और संपर्क रहित कार्यवाही के लिए वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेटेंट में मामलों की सुनवाई, वेबसाइट की डायनामिक रिडिजाइनिंग और हितधारकों को आईपी सूचना का वास्तविक समय आधारित परेशानी मुक्त प्रसार, पेटेंट आवेदन करने और देने के लिए डिजिटल प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना आदि।
इसके अलावे पेटेंट (संशोधन) नियम, 2021 में स्टार्टअप्स को उनके आवेदन दाखिल करने और उनके प्रसंस्करण के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए स्टार्टअप बौद्धिक संपदा संरक्षण (SIPP) की सुविधा के लिए योजना शुरू की गई है। साथ ही हितधारकों के लाभ के लिए IPO वेबसाइट में IP कार्यालयों के कामकाज से संबंधित मुद्दों के संबंध में फीडबैक/सुझाव/शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था स्थापित की गई है। एक टीम हितधारकों के सुझावों/शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करेगी।