आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी गिरावट होने वाली है। जी हाँ, हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. दरअसल, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह जानकारी दी है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि 'पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए राज्यों की सहमति जरूरी है और अगर राज्य इस दिशा में पहल करते हैं तो केंद्र भी इसके लिए तैयार है.' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा- 'हम इसके लिए पहले से ही तैयार हो चुके हैं. यह मेरी समझ है। हालांकि, दूसरा मुद्दा यह है कि इसे कैसे लागू किया जाए। इस सवाल को वित्त मंत्री के सामने उठाया जाना चाहिए।'
आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से चल रही है और इस मांग के बीच पेट्रोलियम मंत्री ने आशंका जताई कि राज्यों के बीच समझौते की संभावना कम ही है. दरअसल, उन्होंने कहा कि राज्यों के राजस्व का मुख्य स्रोत शराब और पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाला टैक्स है. इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि ''यह समझना कठिन नहीं है कि राज्यों को अपना राजस्व उनसे प्राप्त होता है. राजस्व प्राप्त करने वाला इसे क्यों छोड़ना चाहेगा? केवल केंद्र सरकार को महंगाई और अन्य चीजों की चिंता है.''
इस दौरान उन्होंने केरल हाई कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले को जीएसटी काउंसिल में ले जाने का सुझाव दिया गया था लेकिन राज्यों के वित्त मंत्री इसके लिए राजी नहीं हुए. वहीं, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट की संभावना के बारे में पूछे जाने पर हरदीप पुरी ने कहा, 'मैं आपके सवाल से हैरान हूं. पिछले एक साल में इनकी कीमतों में सबसे कम बढ़ोतरी शायद भारत में हुई है. मॉर्गन स्टैनली भी कह रहा है कि भारत दुनिया में सबसे अच्छी स्थिति में रहा है।''
उन्होंने आगे कहा, 'भारत ने उत्पाद शुल्क में कमी जैसे कदम उठाकर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के असर से खुद को सुरक्षित रखा है. मैं काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं देता, लेकिन केंद्र सरकार की कोशिश रहेगी कि कीमतें स्थिर रहें.'