नई दिल्ली, 16 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) आज 16 नवंबर है। भारत सरकार ने 16 नवंबर को फर्स्ट ऑडिट दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। आज 16 नवंबर को फर्स्ट ऑडिट दिवस मनाने के पीछे एक लंबा ऐतिहासिक कारण है। ज्ञात हो कि भारत सरकार अधिनियम 1858 के तहत, 16 नवंबर 1860 को बंगाल, मद्रास और बॉम्बे प्रेसीडेंसी के ऑडिट विभागों के विलय के बाद, पहले महालेखा परीक्षक ने कार्यभार संभाला था। इसी अवसर को यादगार बनाने के उद्देश्य से फर्स्ट ऑडिट दिवस के लिए 16 नवंबर का दिन चुना गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज फर्स्ट ऑडिट दिवस मनाने के लिए CAG (Comptroller and Auditor General) कार्यालय पहुंचे हैं। इस अवसर पर उन्होंने CAG कार्यालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का उद्घाटन किया और इस कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोगों को संबोधित किया। ज्ञात हो कि इस अवसर पर भारत के CAG (Comptroller and Auditor General of India) जीसी मुर्मू और अन्य गणमान्य लोग भी CAG कार्यालय में मौजूद रहें।
दिल्ली के CAG कार्यालय में पहले ऑडिट दिवस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत कम संस्थान हैं जो समय के साथ मजबूत, अधिक परिपक्व और अधिक प्रासंगिक होते जाते हैं। अधिकांश संस्थान कुछ दशकों के बाद प्रासंगिकता खो देते हैं। लेकिन सीएजी एक विरासत है और हर पीढ़ी को इसे संजोना चाहिए। यह एक बड़ी जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि एक समय था जब ऑडिट को शक और डर की नजर से देखा जाता था। सीएजी बनाम सरकार हमारे सिस्टम की आम मानसिकता बन गई है। कभी-कभी अधिकारी सोचते थे कि कैग को हर चीज में खामियां दिखती हैं। लेकिन आज मानसिकता बदल गई है। आज ऑडिट को वैल्यू एडिशन का अहम हिस्सा माना जाता है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि सरकार के काम का आकलन करते समय, सीएजी को बाहरी दृष्टिकोण का लाभ मिलता है। आप जो कुछ भी कहते हैं उसकी मदद से हम व्यवस्थित सुधार करते हैं, हम इसे सहयोग के रूप में देखते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि हमने अप्रयुक्त और कम उपयोग वाले तत्वों का मुद्रीकरण करने का साहसिक निर्णय लिया। उन फैसलों के परिणामस्वरूप हमारे पास एक पुनर्जीवित अर्थव्यवस्था है - जिस पर दुनिया भर में चर्चा और स्वागत किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पहले देश के बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता की कमी के कारण, विभिन्न प्रथाएँ होती थीं। नतीजतन, बैंकों का एनपीए (non-performing asset) बढ़ता रहा। एनपीए को खत्म करने के लिए पहले किए गए काम को आप अच्छी तरह से जानते हैं। हमने पिछली सरकारों की असलियत, असल हालात, ईमानदारी से देश के सामने पेश किया। समस्याओं की पहचान करने पर ही हम समाधान ढूंढ पाएंगे।