नई दिल्ली, 3 अगस्त 2021 भारत में अप्रैल और मई महीने में करोना महामारी की दूसरी घातक लहर का सामना करने के बाद जून में मामला संभलता नज़र आया । जून की आर्थिक गतिविधियों का असर अब हमे जुलाई के आकड़ो में दीख रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था ने जुलाई में सुधार के संकेत दिखाए हैं, क्योंकि जून में बढ़ती घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मांग के कारण कारखानों की गतिविधियां फिर से शुरू हो गई है।
भारत का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जुलाई में 55 पर पहुंच गया, जो जून में 48 था। माना जाता है की अगर परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स 50 के स्तर से ऊपर है तो मैन्युफैक्चरिंग से जुडी गतिविधियों में तेजी की संकेत दे रहा है।
जून में कुछ जगहों पर COVID-19 प्रतिबंधों में ढील दी गयी थी, मार्केट सर्वेक्षण के अनुसार एक तिहाई से अधिक कंपनियों के उत्पादन में महीने की औसतन मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में बढ़ोतरी देखि गयी थी ।
विशेषज्ञों का कहना है कि जून में कोविड -19 के एक्टिव केस में गिरावट की वजह से जुलाई में प्रतिबंधों में काफी ढील दी गई थी, जिससे बिज़नेस और मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में तेजी देखने को मिली। आगे चलते ऑगस्ट में हम कई प्रतिबंध हटाए जा सकते है जिससे आगे हम बिज़नेस गतिविधियों को जोर पकड़ता हुआ देख सकते है। फिलहाल देश में अभी भी प्रति दिन 40,000 से अधिक मामले रिपोर्ट किए जा रहे है जिसकी वजह से तीसरी लहर की चिंता बनी हुई है।
अगर देश में चल रहे टीकाकरण में बढ़ोतरी हो और साथ साथ करोना के केस में गिरावट को देखे तो हम अगस्त में एक्सपोर्ट को बढ़ता देख सकते है जो नौकरी और रोजगार के लिए अच्छी खबर हो सकती है।