नई दिल्ली, 22 मई - देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी और आखिरी तिमाही में स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट (एकल शुद्ध लाभ) में 80 फीसद के उछाल की सूचना शुक्रवार को दी। इस तरह जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान स्टेट बैंक का शुद्ध लाभ 6,450.75 करोड़ रुपये पर रहा। फंसे हुए कर्ज में कमी से बैंक के मुनाफे में यह बढ़ोत्तरी हुई है। SBI ने शेयर बाजारों को जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक को 3,580.81 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था ।
इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 की आखिरी तिमाही में बैंक की ग्रॉस इनकम कुल आमदनी बढ़कर 81,326.96 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में बैंक को 76,027.51 करोड़ रुपये की कुल आमदनी हुई थी ।
इस तिमाही में बैंक की ब्याज से होने वाली आय 19 फीसद के उछाल के साथ 27,067 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 22,767 करोड़ रुपये पर रहा था।
वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पूरे आकड़े के आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ 60 फीसद की बढ़त के साथ 7,270.25 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में पुरे आधार पर बैंक को 4,557.49 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था।
बैंक की आय में भारी उछाल की बड़ी वजह एसेट क्वालिटी में सुधार रहा। इस तिमाही में बैंक की नेट परफार्मिंग एसेट्स (NPAs) घटकर कुल लोन के 4.98 फीसद पर रहीं। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2019-20 की समान तिमाही में बैंक की नेट परफार्मिंग एसेट्स (NPAs) कुल लोन के 6.15 फीसद पर रही थीं।
वित्तय वर्ष 2020-21 में बैंक का स्टैंड अलोन शुद्ध मुनाफा 41 फीसद के उछाल के साथ 20,110.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक को 14,488.11 करोड़ रुपये का स्टैंड अलोन शुद्ध मुनाफा हुआ था ।
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए 4 रुपये प्रति शेयर की दर से डिविडेंड देने की सिफारिश की है ।