नई दिल्ली, 14 सितंबर (न्यूज हेल्पलाइन) भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार का कार्यालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग अगस्त, 2021 (अनंतिम) और जून, 2021 के महीने के लिए भारत में थोक मूल्य (आधार वर्ष: 2011-12) के सूचकांक संख्या जारी करते हुए बताया कि अगस्त, 2021 के महीने के लिए मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 11.39% रिकार्ड की गई है, जो कि अगस्त, 2020 के 0.41% के मुकाबले बहुत ज्यादा है।
बता दें कि जुलाई 2021 में यह डर 11.16 प्रतिशत और जून 2021 में 12.07 प्रतिशत पर थी। अगस्त, 2021 के महीने के लिए भारत में थोक मूल्य की सूचकांक संख्या (आधार वर्ष: 2011-12) देश में विगत एक साल में हुए भारी मूल्य वृद्धि को प्रदर्शित करता है, जो 0.41 से बढ़कर 11.39 प्रतिशत पर जा पहुंचा है। हालांकि विगत वर्ष में देश कोरोना से जनित लॉकडाउन के प्रभाव में था।
अगस्त 2020 से अगस्त 2021 के दौरान हुए इस उच्च मुद्रास्फीति के पीछे कारण गैर-खाद्य पदार्थ, खनिज तेल; कच्चा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस; मूल धातुओं जैसे निर्मित उत्पाद; खाद्य उत्पाद; कपड़ा; पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में रसायन और रासायनिक उत्पाद आदि सामग्रियों के कीमतों में वृद्धि है। इस कारण अगस्त 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर दर्ज की गई है।
साल 2021 के अगस्त महीने के थोक मूल्य सूचकांक में जो इतनी अधिक ( 11.39%) मुद्रास्फीति की वार्षिक दर में वृद्धि दर्ज हुई है, उसमें सबसे अधिक योगदान ईंधन और शक्ति (26.09%) का रहा। उसके बाद उत्पादित वस्तुओं (11.39%), प्राथमिक सामग्रियों (6.20%) और फूड इंडेक्स (3.43%) का रहा है।
ज्ञात हो कि भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार का कार्यालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के अनंतिम आंकड़े हर महीने की 14 तारीख (या अगले कार्य दिवस) को संदर्भ महीने के दो सप्ताह के अंतराल के साथ जारी करती है। इसके लिए संस्थागत स्रोतों और देश भर में चयनित विनिर्माण इकाइयों से प्राप्त आंकड़ों के साथ संकलित किए जाते हैं। 10 सप्ताह के बाद, सूचकांक को अंतिम रूप दिया जाता है और अंतिम आंकड़े जारी किए जाते हैं।