नई दिल्ली, 12 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार 12 नवंबर को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की दो योजनाओं (आरबीआई खुदरा प्रत्यक्ष योजना और रिजर्व बैंक- एकीकृत लोकपाल योजना) को लॉन्च किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पूर्व की सरकारों के ऊपर भी वार किया।
पूर्व सरकारों को कोसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों पर इन सुविधाओं को गरीब तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी उन्होंने भी इस पर कभी ध्यान नहीं दिया। 6-7 साल पहले तक भारत में बैंकिंग, पेंशन, इंश्योरेंस, ये सबकुछ एक exclusive club जैसा हुआ करता था। देश का सामान्य नागरिक, गरीब परिवार, किसान, छोटे व्यापारी-कारोबारी, महिलाएं, दलित-वंचित-पिछड़े, इन सबके लिए ये सब सुविधाएं बहुत दूर थीं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आरबीआई की दो योजनाओं के लॉन्च के अवसर पर कहा कि आरबीआई की नई योजनाओं से 4 करोड़ ऋण खाताधारकों और 220 करोड़ जमा खाताधारकों को सीधे लाभ होगा और प्रौद्योगिकी और स्मार्ट वित्तीय योजना की मदद से बैंकों का बोझ कम होगा।
उन्होंने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पुनर्पूंजीकरण किया गया - वित्तीय प्रणाली और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में इसी तरह के कई सुधार किए गए हैं। 31 करोड़ रुपे कार्ड और 50 लाख पीओएस मशीनें स्थापित की गई हैं। UPI के साथ भारतीय उपभोक्ताओं और विक्रेताओं की आशाजनक भागीदारी बदलते समय के प्रति हमारे दृष्टिकोण को दर्शाती है।
क्विक पेमेंट सिस्टम UPI ( Unified Payment Interface) के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि UPI ने तो बहुत ही कम समय में डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में दुनिया का अग्रणी देश बना दिया है। सिर्फ 7 सालों में भारत ने डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में 19 गुणा की छलांग लगाई है। आज 24 घंटे, सातों दिन और 12 महीने देश में कभी भी, कहीं भी हमारा बैंकिंग सिस्टम चालू रहता है।
देश के को-ऑपरेटिव बैंकों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आरबीआई द्वारा बैंकिंग सेक्टर को और मज़बूत करने के लिए को-ऑपरेटिव बैंकों को भी के दायरे में लाया गया। इससे इन बैंकों की गवर्नेंस में भी सुधार आ रहा है और लाखों डिपॉजिटर्स के भीतर इस सिस्टम के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है।