नई दिल्ली, 6 जनवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) बहुविवादित बुली बाई ऐप के मामले में पुलिस द्वारा किये जा रहे प्रयास का असर अब दिखने लगा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आज इस ऐप के मुख्य साजिशकर्ता को पकड़ में लेने का दावा किया है।
'बुली बाई' ऐप केस में दिल्ली पुलिस की IFSO स्पेशल सेल ने मुख्य साजिशकर्ता को असम से गिरफ्तार किया है। ज्ञात हो कि सुल्ली डील या बुल्ली बाई नाम से ज्ञात एक ऐप जहां पर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया गया है, पर पूरे देश की पुलिस ( मुंबई, बंगलुरू, हैदराबाद, दिल्ली आदि की पुलिस) कार्रवाई कर रही है।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा का इस बारे में कहना है कि उसने बुल्ली बाई मामले में "मुख्य साजिशकर्ता" को असम से गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFSO टीम द्वारा असम से गिरफ्तार नीरज बिश्नोई, गिटहब पर 'बुली बाई' का मुख्य साजिशकर्ता और निर्माता और ऐप का मुख्य ट्विटर अकाउंट धारक है। उसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली लाया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO टीम ने 'बुली बाई' ऐप मामले में गिरफ्तार नीरज बिश्नोई, जिसकी उम्र 20 साल है और वह असम के जोरहाट के दिगंबर इलाके का रहने वाला है। वह वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल के बीटेक छात्र हैं।
ज्ञात हो कि सुल्ली डील या बुली बाई ऐप मामले में विगत दिनों मुंबई पुलिस ने भी सफलता प्राप्त की थी, जब 'बुली बाई' ऐप मामले में मुंबई पुलिस साइबर सेल ने 21 वर्षीय शख्स विशाल कुमार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। मुंबई पुलिस ने मामले की मुख्य आरोपी एक महिला को उत्तराखंड से हिरासत में लिया था। दोनों आरोपी एक दूसरे को जानते हैं। अब दिल्ली पुलिस द्वारा प्राप्त सफलता को देखते हुए यह मामला सुलझने की दिशा में बढ़ता हुआ दिख रहा है।
क्या है बुली बाई ऐप मामला?
बुली बाई ऐप का इस्तेमाल मुस्लिम महिलाओं की (सोशल मीडिया से ली गई तस्वीरों के ऊपर, उनके बिना ज्ञान के) ऊपर फेक बोली (Auction) लगाने के लिए किया जा रहा था। मामला तब हाईलाइट हुआ जब पुलिस को शिकायतें मिलने लगी कि ऐप पर हाई प्रोफाइल बिजनेस वीमेंस, एडवोकेट, समाजसेवी आदि मुस्लिम महिलाओं की फ़ोटो डाल कर उनकी बोली लगाई जा रही है। इसके बाद से ही पुलिस इन आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही थी। अब जाकर इस मामले में सफलता मिल रही है।
बुली बाई या सुल्ली डील का मामला सामने आने के बाद कुछ सोशल मीडिया मैसेंजर ऐप पर हिंदू महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट करने के मामले भी सामने आ रहे हैं, और कई संगठन इस मामले में भी सुल्ली डील के जैसी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।