मुंबई, 7 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ऑनलाइन फर्जीबाड़े के मामले आये दिन बढ़ते जा रहे है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (AU) की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के नाम से किसी शातिर ने फर्जी वाट्सएप अकाउंट बनाकर परिचितों से रुपए मांगने शुरू कर दिए हैं। शातिर ने बाकायदा कुलपति की फोटो भी लगाई है। फिलहाल चीफ प्रॉक्टर की तहरीर पर कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। कर्नलगंज थाने में दी गई तहरीर में चीफ प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार ने कहा है कि कुलपति के नाम से जो फर्जी वाट्सएप एकाउंट बनाया गया है उस पर वाट्सएप पेमेंट सुविधा भी एक्टिवेट किया गया है। इसके जरिए कुलपति के परिचितों और विश्वविद्यालय के अधिकारियों से रुपए की डिमांड की जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक इस तरफ का फर्जीवाड़ा अमूमन जामताड़ा जैसे शहरों से होता है, लेकिन कुलपति का फर्जी अकाउंट बनाने वाला ऐसा है जो कुलपति और उनके कनेक्शन यानी परिचितों को भी जानता है। यही कारण है कि कुलपति की डीपी लगी वाट्सएप अकाउंट से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को ही संदेश भेजकर पैसा मांगा गया है।
कर्नजगंज थानाध्यक्ष ने बताया कि चीफ प्रॉक्टर की ओर से तहरीर मिली है। मामले की जांच की जा रही है। इसके पीछे कौन है और किसकी साजिश है इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल अभी तक कितने लोगों ने उस वाट्सएप अकाउंट पर रुपए भेजे नहीं पता चल सका है। उन्होंने आगे बताया कि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के नंबर से वाट्सएप अकाउंट नहीं बना है। नंबर दूसरा है और उस अकाउंट पर डीपी कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की लगी है।तो वही विशेषज्ञों के मुताबिक, एक ही नंबर से दो वाट्सएप अकाउंट नहीं बन सकता है। इस संबंध में रिपोर्ट के बाद जांच टीम रवाना की गई है। उस नंबर को सर्विलांस पर डाला गया है। उसकी लोकेशन ट्रेस कर आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।