नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (न्यूज हेल्पलाइन) देश के सबसे सुरक्षित जेलों में से एक दिल्ली का तिहाड़ जेल इन दिनों गैंगस्टरों का अड्डा बनता जा रहा है, जिससे आए दिन यहां गैंगवार जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। विगत शनिवार 23 अक्टूबर को भी दिल्ली के इस अति सुरक्षित जेल में कैदियों के बीच खूनखराबे जैसी स्थित उत्पन्न हो गई। जिसके बाद जेल प्रशासन और दिल्ली पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। बता दें कि कुछ दिनों पूर्व तिहाड़ के जेल संख्या तीन में गैंगस्टर अंकित गुर्जर का शव मिला था। परिजनों ने इसे हत्या बता कर हाई कोर्ट की शरण में हैं।
दिल्ली पुलिस ने इस घटना के बारे में बताया कि विगत शनिवार देर शाम को यह घटना शुरू हुई। हमें सूचना मिली कि तिहार के जेल नंबर 1 में चार कैदियों के एक समूह द्वारा कुछ अन्य कैदियों पर ब्लेड से हमले किये गए हैं। इस घटना को काबू में पाने के लिए सुरक्षाबलों को बहुत प्रयास करना पड़ा। बाद में शनिवार की देर शाम को तीन कैदियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। किसी भी कैदी को ज्यादा गंभीर चोट नहीं आई है। प्राथमिक उपचार करके फिलहाल घायल कैदियों को छुट्टी दे दी गई है। साथ ही आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया गया है।
तिहाड़ जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तिहाड़ की जेल संख्या-1में शनिवार दोपहर को जब जेल बंद होने का समय था, और लगभग सभी कैदी अपनी-अपनी बैरक में चले गए। इसी दौरान जेल के दो गैंग्स के बीच किसी बात को लेकर बहस शुरू हो गई। इसी दौरान एक गुट ने ब्लेड या सर्जिकल ब्लेड से हमले कर दिए।
इस वारदात में तीन कैदी पिंकू, सुनील और सनी घायल हो गए। उनकी जांघ, पेट और पसलियों के ऊपर चोटें आई हैं। तीनो को हरिनगर के दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल (DDU) और सफदरजंग हॉस्पिटल में इलाज कराया गया और फिर इलाज कर जेल वापस भेज दिया गया। पुलिस और जेल अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि सर्जिकल ब्लेड कैदियों तक कैसे पहुंचे और क्या इसमें तिहाड़ के किसी जेल कर्मचारी का भी हाथ है?