गोरखपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के घोसीपुरवा इलाके में बुधवार को एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । बता दें कि इस बात की सूचना जब पुलिस को मिली तो उन्होंने व्यक्ति और उसकी दो बेटियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया तथा पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य भी जुटाए । फिलहाल शुरूवाती जांच में सामने आया है कि, बेटियों की स्कूल फीस पिछले पांच महीने से नहीं भरी गई थी और उसी के कारण इन लोगों ने आत्महत्या की हैं ।
इस मामले के बारे में, स्कूल प्रशासन ने कहा कि दोनों लड़कियां अच्छी छात्राएं थीं और उनके शिक्षा रिकॉर्ड के कारण स्कूल प्रबंधन ने फीस के लिए उन पर कभी किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया था । बता दें कि, 45 वर्षीय जितेंद्र श्रीवास्तव अपनी दो बेटियों, 16 वर्षीय मान्या, और 14 वर्षीय मानवी के साथ रहते थे और दोनों लड़कियां एक निजी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ती थीं। श्रीवास्तव ने 1999 में एक ट्रेन दुर्घटना में अपना एक पैर खो दिया था और उनकी पत्नी सिम्मी की दो साल पहले कैंसर से मृत्यु हो चुकी हैं । पत्नी की मौत के बाद से श्रीवास्तव ने रोजी-रोटी के लिए घर में सिलाई का काम शुरू कर किया और वो पिछले दो साल से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे ।
इस मामले में गोरखपुर के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि एक निजी कंपनी में गार्ड के पद पर कार्यरत जितेंद्र श्रीवास्तव के पिता ओम प्रकाश उस रात ड्यूटी पर थे । अगली सुबह जब वह घर लौटा तो तीनों को फंदे पर लटका पाया जिसके बाद उसने पुलिस को इसके बारे में सूचित किया ।