आज पुलवामा में हुए कायराना आतंकी हमले की चौथी बरसी पर पूरा देश अमर शहीदों को नमन कर मानवता के परम शत्रु आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प ले रहा है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस आतंकी हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है । दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, 'पुलवामा में खुफिया विफलता के कारण शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 शहीदों को आज हम श्रद्धांजलि देते हैं. मुझे आशा है कि सभी शहीद परिवारों का उपयुक्त रूप से पुनर्वास किया गया है।' पुलवामा आतंकी हमले पर दिग्विजय सिंह के तंज कसने वाले ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. राकेश शर्मा ने उन्हें जवाब देते हुए कहा, 'मुंबई बम धमाकों और देश में यूपीए सरकार के दौरान हुए आतंकवादी हमलों पर भी यही बात लागू होती है। दिग्गी राजा बताओ कितने लोगों का पुनर्वास हुआ? क्या जाकिर नाइक अब भी शांतिदूत है? क्या भगवा आतंकवाद का प्रतीक है? बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेसियों ने पाकिस्तान से मदद क्यों मांगी?'
एक अन्य यूजर ने लिखा, 'और आपने मुंबई के बाद क्या एक्शन लिया? इस सरकार ने जाकर एलओसी के पार आतंकवादी शिविरों पर बमबारी की, जिससे आपको भी पीड़ा हुई।' विकास गुप्ता ने लिखा, 'क्या 26/11 भी एक खुफिया विफलता थी?? जब मुंबई में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई??' कुछ यूजर्स ने यह भी कहा कि मुंबई आतंकी हमले के वक्त आप (दिग्विजय) ही इसे आरएसएस की साजिश बता रहे थे, जबकि उन हमलों को पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था. कुछ यूजर्स ने पूछा कि दिग्विजय सिंह अपने ट्वीट में पाकिस्तान या आतंकवाद लिखने से क्यों डरते हैं।
इससे पहले भी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा चुके हैं. दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया और सबूत दिखाने को कहा. यह पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। इससे पहले भी दिग्विजय सिंह केंद्र पर हमलावर रहे हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर केंद्र से सबूत मांगे थे. उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक बवाल भी खूब हुआ था, लेकिन तब राहुल गांधी और जयराम रमेश ने पार्टी की बिगड़ती हालत पर काबू पाया और इसे उनका निजी बयान बताया. राहुल गांधी ने स्पष्ट किया था कि उन्हें सुरक्षा बलों की बहादुरी के लिए किसी सबूत की जरूरत नहीं है। अब दिग्विजय सिंह ने खुफिया एजेंसियों को फेल बताया है, अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी अपने वरिष्ठ नेता के इस बयान पर क्या स्टैंड लेती है.