मुंबई, 4 जून 2021
बॉम्बे हाई में बीते महीने आए चक्रवाती तूफान ताउते के दौरान हुए हादसे की जाँच पर कार्रवाई करते हुए बार्ज पर मौजूद कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही के मामले में ओएनजीसी (तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम) के तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया है। जानकारी के मुताबिक़ इस मामले में चल रही उच्च स्तरीय जांच के तहत ओएनजीसी के तीन कार्यकारी निदेशकों को निलंबित किया गया था।
मंत्रालय के अनुसार बताया गया है की यह घटना बॉम्बे हाई में अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है। ओएनजीसी के जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है वह ड्रिलिंग, सेफ्टी और एग्जीक्यूटिव एक्सप्लोरेशन के प्रभारी हैं। पूरी घटना की जांच के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
बता दें यह जांच ताउते तूफान के दौरान अरब सागर में बॉम्बे हाई पर घटी घटनाओं को लेकर हो रही है, जिनमें 86 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोगों की जान को भारतीय नेवी ने बचाया था।
सूत्रों के मुताबिक़ इन निदेशकों को यह सुनिश्चित करने के लिए निलंबित किया गया है कि जांच मुक्त और निष्पक्ष तरीके से हो सके और जांच में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी न हों।
इस मामले में गंभीर सबूत मिले है जांच अधिकारियों को पी205 के डेक अधिकारी द्वारा एक ओएनजीसी अधिकारी व कई अन्य को भेजा गया एक ईमेल मिला है। इस ईमेल में मौसम भविष्यवक्ता स्टॉर्म जियो ने पश्चिमी तट/बॉम्बे हाई इलाके में चक्रवात की जानकारी पहले ही दीं गई थी।
ईमेल में यह भी जानकारी दी गई थीं कि हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है और समुद्र की लहरें सात से नौ मीटर तक ऊंची उठ सकती हैं, डेक अधिकारी ने अन्य अधिकारियों से इस संबंध में उचित कदम उठाने और सभी कर्मचारियों को मौजूद संपत्तियों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था करने का अनुरोध भी किया था।
वहीं, ओएनजीसी के एसोसिएशन ऑफ साइंटिफिक एंड टेक्निकल ऑफिसर्स (एएसटीओ) ने निलंबन को लेकर नाखुशी जताई है उनका मानना है की निलम्बन एक अपमान है इससे अधिकारियों का मनोबल गिरता है अधिकारियों को घर बैठने को कहा जाता है व उनका आधा वेतन काट लिया जाता है।
बता दें, चक्रवात ताऊ ते ने बॉम्बे हाई में तबाही मचा दी थी इस आपदा के कारण बार्ज पर सैंकड़ों लोग फँस गए और कई को अपनी जान तक गवानी पड़ी थी। यह घटना बॉम्बे हाई में हुई अब तक की सबसे बड़ी घटना थी 3 दिन तक बचाव कार्य चलता रहा एनडीआरएफ़ और भारतीय जल सेना के जवान लगातार रेस्क्यू करने में तत्पर थे।