नई दिल्ली, 26 अप्रैल। देश में कोरोना के कुल मामलों में से 82.62 प्रतिशत मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मौजूदा समय में 16.25 प्रतिशत एक्टिव मामले हैं और 1.13 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि इस साल फरवरी के महीने में कोरोना के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यानि फरवरी के मध्य में जहां 9,121 मामले आया करते थे जो बढ़कर अब 3.52 लाख तक पहुंच गए हैं। हालांकि रिकवरी भी तेजी से हो रही है। उन्होंने बताया कि देश में दस ऐसे राज्य हैं जहां पर कोरोना के एक लाख से अधिक एक्टिव मामले हैं। इनमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़,गुजरात, तमिलनाडु शामिल है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल कोरोना संक्रमण के बढ़ने की रफ्तार दोगुनी से भी ज्यादा रही है। कुछ राज्यों में तो यह 3.5 गुना से भी अधिक है। मध्यप्रदेश में 5.6 गुना कोरोना के मामले सामने आए हैं। दिल्ली में 3.3 गुना बढ़ गए है।
14.19 करोड़ टीके की खुराक दिए गए
देश में कोरोना से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम के तहत अब तक कुल 14.19 करोड़ टीके की खुराक दी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सात राज्यों में 60 साल से ऊपर के 50 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है।
मास्क पहनने व शारीरिक दूरी बनाए रखने से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है बेहद कम
लव अग्रवाल ने बताया कि दुनिया में किए गए अध्ययन के अनुसार अगर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते तो एक संक्रमित व्यक्ति 30 दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर संक्रमित व्यक्ति 50 प्रतिशत तक कम बाहर निकले तो 30 दिनों में वह 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर संक्रमित व्यक्ति 75 प्रतिशत तक लोगों से 30 दिनों तक दूरी बनाए रखता है तो वह 2.5 लोगों को ही संक्रमित कर सकता है। इसी के साथ मास्क के संबंध में किए गए अध्ययन में पाया गया है कि अगर लोग मास्क नहीं पहनते तो संक्रमण फैलने का खतरा 90 प्रतिशत रहता है। अगर संक्रमित व्यक्ति मास्क नहीं पहनता और दूसरे लोग मास्क लगाते हैं तो 30 फीसदी तक संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। अगर दोनों ही मास्क लगाते हैं तो संक्रमण फैलने का खतरा 1.5 प्रतिशत से भी कम रहता है।