हैदराबाद, 12 नवंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को एक ऐसी घटना हो गई जिससे पशु प्रेमी इस बात से चिंतित हैं कि देश में वयस्कों की संख्या में भारी गिरावट आ रही है। कुरनूल जिले के नल्लामाला वन क्षेत्र में हुए हादसे में एक बाघ घायल हो गया और उसकी मौत हो गई। इस घटना से पशु प्रेमियों में हड़कंप मच गया है।
नल्लामाला वन क्षेत्र में आज सुबह एक बड़ा बाघ नंदयाला-गिद्दलुरु रेलवे ट्रैक पर देखा गया। घबराए स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी जब अधिकारी वहां पहुंचे वन अधिकारियों ने इसकी जांच की और पुष्टि की कि यह पहले ही मर चुका है। उसके आसपास मिले सबूतों को देखते हुए माना जा रहा है कि उसकी मौत किसी ट्रेन हादसे में हुई है। पुलिस मामला दर्ज कर जांच की जा रही है और इस बात की पड़ताल की जा रही है कि यह बाघ वास्तव में वन क्षेत्र को छोड़कर पटरी पर क्यों आ गया ? क्या इसमें शिकारियों की कोई भूमिका थी ? बाघ की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए है।
अधिकारियों ने शुरू में पुष्टि की है कि नल्लामाला वन क्षेत्र में चलमा फर्स्ट टनल में मील 233/9 पर एक मालगाड़ी की टक्कर में एक बाघ मारा गया था। मौके का मुआयना करने वाले वन विभाग के अधिकारियों ने उपलब्ध साक्ष्यों को जांच के लिए लिया और वे इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि बड़े बाघ की मौत ट्रेन हादसे में हुई या किसी और वजह से। दरअसल, नल्लामाला से इस रेलवे लाइन पर बाघों का आगमन कम होता है। इस बात की जांच की जा रही है कि क्या किसी ने बाघ को मारकर ट्रैक पर फेंका है? इन सवालों ने एक बार फिर इंसान और पशु की इस जंग को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
बता दें, आम तौर पर इंसान बाघ व उसके जैसे कई प्राणियों की जान क्षेत्र के विकास के लिए ले लेते है या फिर उनकी खाल, नाखून जैसे अंगों कि तस्करी के लिए उनकी जान ले लेते है। हालाँकि मनुष्यों को समझना चाहिए कि वह जंगलों की जगह कही और विकास करे क्यूँकि इंसान कही भी रह सकता है लेकिन पशु का घर तो सिर्फ़ जंगल है और पशु आज है तो हमारा कल है इत्यादि हम इस प्रकृति से अपने हाथ धो बेठ सकते है।