करनाल, 11 सितंबर (न्यूज हेल्पलाइन) हरियाणा के बस्तर टोल प्लाज़ा पर विगत 28 अगस्त को किसानों के ऊपर हुए लाठी चार्ज की घटना के विरोध में हरियाणा के करनाल के मिनी सचिवालय के बाहर धरणा-प्रदर्शन पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (BKU) के किसान नेताओं ने अपने धरणे को वापस लेने का फ़ैसला किया है।
इस बात की घोषणा हरियाणा भारतीय किसान संघ के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी ने की है। ज्ञात हो कि आज सुबह से ही किसान नेताओं और हरियाणा राज्य प्रशासन के बीच बैठक जारी थी। मीटिंग के बाद किसान नेताओं के साथ चर्चा के बाद सामूहिक रूप से मिनी सचिवालय के बाहर से धरना खत्म करने का फैसला किया।
बता दें कि हरियाणा के बस्तर टोल प्लाज़ा पर विगत 28 अगस्त को जब किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दौरान पुलिस वालों और किसानों के बीच हुए झड़प में प्रशासन ने किसानों के ऊपर लाठी चार्ज किया था। इस लाठी चार्ज में कई किसान घायल हो गए थे। इस घटना को लेकर पूरे देश में हरियाणा सरकार की आलोचना हुई थी। हालांकि खट्टर सरकार ने पहले अड़ियल रवैया अपनाया, मगर अंततः वह वार्ता के लिए तैयार हो गई।
ज्ञात हो कि हरियाणा सरकार की तरफ से आज हुए बैठक के बारे में बोलते हुए हरियाणा सरकार के अपर मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों और कृषि नेताओं के बीच एक बैठक के बाद, हरियाणा सरकार ने 28 अगस्त को बस्तर टोल घटना की जांच का आदेश दिया, जो एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने आगे बताया कि 28 अगस्त को बस्तर टोल घटना की जांच एक माह के अंदर पूरी हो जाएगी। इसके साथ ही किसानों की मांग पर एसडीएम आयुष सिन्हा को छुट्टी पर भेज दिया गया है। साथ ही मृतक किसान सतीश काजल के परिवार के दो सदस्यों को स्वीकृत पदों पर डीसी दर से नौकरी का मुआवजा दिया जाएगा।