मुंबई, 24 जनवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) 'हिंदुत्व' एक ऐसा शब्द या मुद्दा है जिसपर देश के दो राजनीतिक दलों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के बीच खींचतान होती रहती है। महाराष्ट्र में भाजपा का साथ छोड़कर शिवसेना ने जबसे NCP और कांग्रेस के साथ 'महा विकास अघाड़ी' की गठबंधन वली सरकार बनाई है, तबसे भाजपा और शिवसेना के बीच हिंदुत्व के मुद्दे पर खींचातानी और भी बढ़ गई है। एक ओर जहां भाजपा शिवसेना को कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के कारण हिंदुत्व के लिए कलंक बताती रहती है, तो शिवसेना भी कांग्रेस के साथ जुड़ने के बाद भी अपने आप को हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों को उठा कर अपनी पहचान हिंदुत्ववादी बनाए रखने का प्रयास करती है।
इसी मुद्दे पर कल फिरसे बहस छिड़ गई जब कल 23 जनवरी को एक समारोह में महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने BJP पर सत्ता के लिए हिंदुत्व की विचारधारा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
विदित हो कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने 23 जनवरी को महाराणा प्रताप चौक, मझगांव, मुंबई में अपने बेटे और राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे, मुंबई के मेयर किशोरी पेडनेकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महाराणा प्रताप की घुड़सवार प्रतिमा का अनावरण किया था। इसी अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि हम वही हैं जिन्होंने उनका (भाजपा) समर्थन किया। हमारा 25 साल से गठबंधन था। बीजेपी ने सत्ता के लिए हिंदुत्व का इस्तेमाल किया। हमने बीजेपी छोड़ी लेकिन हिंदुत्व नहीं छोड़ेंगे। बीजेपी हिंदुत्व नहीं है। जब हमने उन्हें चुनौती दी तो हमारे खिलाफ रणनीति का इस्तेमाल किया गया है।
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के इस बयान पर प्रतिउत्तर देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राम कदम ने कहा कि हिंदुत्व पर व्याख्यान देने से पहले, उद्धव ठाकरे को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या शिवसेना दिवंगत बाल ठाकरे की विचारधारा का पालन कर रही है, जिन्होंने कहा था कि राजनीति और जीवन में उनकी पार्टी कभी कांग्रेस में शामिल नहीं होगी, और अगर ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं, तो वह लॉकिंग पार्टी (कार्यालय) को पसंद करेंगे।
अब इसी मुद्दे पर शिवसेना के नेता और प्रवक्ता संजय राउत का बयान आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हमने महाराष्ट्र में बीजेपी को नीचे से ऊपर तक ले गए। बाबरी के बाद, उत्तर भारत में शिवसेना की लहर थी, अगर हम उस समय चुनाव लड़े होते, तो देश में हमारे (शिवसेना) पीएम होते लेकिन हमने यह उनके लिए छोड़ दिया। बीजेपी सिर्फ सत्ता के लिए हिंदुत्व का इस्तेमाल करती है।
ऐसा लग रहा है कि हिंदुत्व के मुद्दे पर जो नई बहस उद्धव ठाकरे ने शुरू की है, उसपर अभी और भी बहस रुकने वाली नहीं है। विशेषतः जबकि पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव के लिए प्रचार जारी है, वैसे में यह बहस और भी ज्यादा होगी, इसकी पूरी संभावना है।