जोधपुर, 29 जून 2021 हमारे समाज में अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो पुरानी और कट्टर सोच को लेकर चलते आ रहे हैं। फिर अगर कोई नवीन सोच वाला उनके इस पुराने सोच का विरोध करता है तो वे उसे डराने का प्रयास करने लगते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है, राजस्थान के बिलारा में। जोधपुर के बिलारा क्षेत्र के एक गांव में तीन परिवारों को सिर्फ इसलिए समाज से बहिष्कृत कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने वन्यजीव शिकार के खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास किया था।
ज्ञात हो कि यह घटना राजस्थान के जोधपुर स्थित बिलारा क्षेत्र के बाला गांव की है, जहां पर एक गांव में वन्यजीव शिकार के खिलाफ आवाज उठाने पर खाप पंचायत ने 3 परिवारों का कथित तौर पर पूर्ण बहिष्कार कर दिया है। मामले के बारे में पूछे जाने पर जोधपुर (ग्रामीण) के एडिशनल एसपी सुनील पवार ने कहा, "बिलारा एसएचओ मामले की जांच कर रहे हैं।"
गांव से पूर्ण बहिष्कार की घटना के बारे में बात करते हुए एक पीड़ित परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वे लोग पिछले 3-4 वर्षों से वन्यजीवों के संरक्षण में शामिल हैं। उनकी सूचना के आधार पर पुलिस द्वारा कई शिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। चूंकि ये शिकारी इस क्षेत्र में प्रभावशाली हैं, इसलिए इन लोगों ने खाप पंचायत से मिलकर मेरे परिवार और दो अन्य परिवारों को समाज से बहिष्कार किया है।
विदित हो कि आज भी समाज में जब इस तरह की घटनाएं होती हैं तो बहुत आश्चर्य होता है। एक तरफ जहां सभी सरकारें वन्य जीवों के संरक्षण के लिए तमाम प्रयास कर रही हैं, वहीं पर वन्य जीवों की रक्षा के प्रयास करने पर कुछ लोगों को समाज से बहिष्कार किया जाता है। हालांकि पुलिस अभी भी इस मामले की जांच कर रही है। उम्मीद है कि इस प्रकरण में न्याय हो।