ईटानगर, 18 जनवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) ऑल न्याशी यूथ एसोसिएशन (एएनवाईए) ने 18 जनवरी को अपने 48 घंटे के ईटानगर कैपिटल रीजन (आईसीआर) बंद को स्थगित कर दिया है क्योंकि संगठन के 21 सदस्यों को जिला प्रशासन द्वारा सोमवार को रिहा कर दिया गया था।
एएनवाईए के अध्यक्ष ब्याबांग जोरम ने शनिवार को बंद की घोषणा की थी, जब संघ के महासचिव और उपाध्यक्ष सहित कई सदस्यों को पुलिस ने 12-14 जनवरी से संगठन द्वारा बुलाए गए 36 घंटे के बंद के दौरान हिरासत में लिया था।
आज शाम मीडियाकर्मियों से बात करते हुए ज़ोरम ने कहा कि "बंद को केवल स्थगित किया गया है और इसे वापस नहीं लिया गया है और राज्य सरकार के खिलाफ संघ का आंदोलन जारी रहेगा"।
उन्होंने आगे कहा की, “हम कल के बंद को स्थगित कर रहे हैं क्योंकि हमारे कई सदस्यों को रिहा किया जाना बाकी है और उपायुक्त ने हमें आश्वासन दिया है कि वे कल तक ऐसा कर लेंगे। हम समझते हैं कि इस प्रक्रिया में समय लगता है इसलिए हम 48 घंटे के बंद को फिलहाल के लिए टाल रहे हैं।"
जोराम ने कहा कि एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य जल्द ही बैठक करेंगे और अपने आंदोलन के संबंध में आगे की कार्रवाई तय करेंगे।
उन्होंने किसी भी राजनीतिक भागीदारी या आंदोलन को सांप्रदायिक होने से भी इनकार किया और कहा कि उनका आंदोलन पूरे राज्य की जनता के हित के लिए था न कि अपने या किसी विशेष समुदाय के लिए।
12 से 14 जनवरी के बीच 36 घंटे के राजधानी ईटानगर बंद के दौरान आईसीआर में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने के लिए बाहर से गुंडों और असामाजिक तत्वों को काम पर रखने के राज्य पुलिस द्वारा किए गए दावों का जवाब देते हुए जोरम ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
उन्होंने कहा, "मैंने ऐसी चीजों को न कभी प्रोत्साहित किया है और न ही कभी करूंगा। मैं एक अरुणाचली हूं और मैं कभी नहीं चाहूंगा कि कोई बाहरी व्यक्ति मेरे राज्य को नष्ट करे। यदि आपको अभी भी कोई संदेह है, तो मैं और मेरी टीम जांच के लिए तैयार हैं।"
जोराम ने कहा कि पुलिस को बंद के दौरान हथियारों के साथ गिरफ्तार किए गए लोगों को उसके संगठन को सौंप देना चाहिए ताकि वे उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकें।
बता दें, एएनवाईए ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफे की मांग करते हुए आईसीआर में 12-14 जनवरी से 36 घंटे के बंद को लागू किया था।आईसीआर में राज्य की राजधानी ईटानगर, नाहरलागुन, निर्जुली और बंदरदेवा शामिल हैं।
संघ द्वारा मुख्यमंत्री पर कई अन्य आरोप भी लगाए गए हैं, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा निराधार करार दिया गया है।