मुंबई, 25 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लग सकता है। पिछले कई दिनों से हार्दिक पटेल के बीजेपी में शामिल होने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने अपने वॉट्सऐप और टेलीग्राम बायो से कांग्रेस शब्द को हटा दिया है। हार्दिक का कहना है कि वो गुजरात में अपने कार्यकर्ताओं के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी वॉट्सऐप डीपी भी बदल दी है। नई डीपी में वो भगवा शॉल पहने दिख रहे हैं। आपको बता दे हाल ही के दिनों में हार्दिक ने खुद को हिंदुत्व से जोड़ लिया है। एक मौके पर उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है। जिस तरह से हाल के दिनों में उन्होंने खुद को हिंदुत्व से जोड़ा है, उससे यही माना जा रहा है कि वो विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो सकते है। हालांकि उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें बीजेपी में जाने का फैसला लेना भी पड़ा तो वह इस विषय को खुले दिल से लोगों के समक्ष ले जाएंगे।
तो वही एक रिपोर्ट के मुताबिक, हार्दिक ने दिल्ली में बीजेपी के एक बड़े नेता से मुलाकात की खबरें भी सुनने में आने लगी है। जिसके बाद ये कयास लगाया जा रहा है कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि हार्दिक अभी इस बात को लेकर खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं। हार्दिक ने कहा कि नाराजगी परिवार में रहती है, हकीकत में तबीयत खराब नहीं थी, लोगों ने पूछ-पूछ कर खराब कर दी। हमें भी पावरफुल बनना पड़ेगा। उन्होंने आगे यह भी कहा कि तारीफ तो मैंने बाइडेन की भी की थी तो क्या मैं बाइडेन के साथ चला गया।
आपको ज्ञात हो कांग्रेस से नाराजगी के बाद हार्दिक कई मौकों पर बीजेपी की तारीफ कर चुके है। उन्होंने पार्टी की अच्छे, मजबूत आधार और डिसीजन लेने की क्षमता की सराहना करते हुए खुले तौर पर बीजेपी की प्रशंसा की है। हाल ही में उन्होंने कहा था, 'हमें यह स्वीकार करना होगा कि बीजेपी के हाल ही में लिए गए पॉलिटिकल डिसीजन से पता चलता है कि उसके पास बेहतर राजनीतिक निर्णय लेने की क्षमता है। मेरा मानना है कि इसकी प्रशंसा किए बिना हमें सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए। यदि कांग्रेस मजबूत बनना चाहती है, तो पार्टी को निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करना होगा।' एक बयान में उन्होंने यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस में उनकी हालत ऐसी हो गई है जैसे नए दूल्हे की नसबंदी करा दी हो। हालांकि उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी या प्रियंका गांधी से नाराज नहीं हूं, प्रदेश नेतृत्व से नाराज हूं।