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चुनावी हिंसा की सीबीआई जाँच के आदेश के ख़िलाफ़ बंगाल सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा

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Posted On:Thursday, September 2, 2021

कोलकाता, 2 सितंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को राज्य में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हुई हिंसा के दौरान बलात्कार और हत्या के सभी मामलों में अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय (एचसी) के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया। एचसी का निर्देश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोगों (एनएचआरसी) के एक पैनल की सिफारिशों के बाद आया था।

राज्य सरकार ने अपनी विशेष अनुमति याचिका में कहा कि उसे केंद्रीय एजेंसी से निष्पक्ष और न्यायसंगत जांच की उम्मीद नहीं है जो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पदाधिकारियों के खिलाफ मामले तय करने में व्यस्त है।

इससे पहले जनहित याचिकाकर्ताओं में से एक वकील अनिंद्य सुंदर दास ने शीर्ष अदालत में एक कैविएट दायर की थी जिसमें आग्रह किया गया था कि राज्य या अन्य वादी ने उन्हें सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया है। दास की याचिका पर उच्च न्यायालय ने 19 अगस्त को अपना आदेश पारित किया था।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने 2 मई को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद पश्चिम बंगाल में जघन्य अपराधों के सभी कथित मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दे दिया था। जब से पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में वापस आई और भाजपा तब से राज्य में अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा का दावा कर रही है।

चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े अन्य आपराधिक मामलों के संबंध में हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि उनकी जांच अदालत की निगरानी में एक विशेष जांच दल द्वारा की जाए। लेकिन अब सत्ता में वापस आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्च न्यायालय को चुनौती देते हुए मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने का फ़ैसला किया है।
 

 


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