मुंबई, 11 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। धनबाद की अदालत ने कंगना के खिलाफ दायर देशद्रोह और भारत को नीचा दिखाने के आरोप वाली याचिका को खारिज कर दिया है। देशद्रोह के मामले पर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनोट को बड़ी राहत मिली है। अपने बेबाक और विवादित बयानों के लिए कंगना काफी मशहूर रही है। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धांत तिग्गा की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कंगना के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं। दरअसल पांडरपाला में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता इजहार अहमद उर्फ बिहारी ने कंगना के खिलाफ पिछले साल नवंबर महीने में मुकदमा दायर किया था। इजहार ने कंगना पर देशद्रोह और भारत को नीचा दिखाने का आरोप लगाया था। इस याचिका पर अदालत विचार कर रही थी। इस दौरान इजहार की तरफ से आरोपों को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं दिए जाने पर अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है।
तो वही शिकायतकर्ता इजहार अहमद ने कोर्ट को बताया था कि उसने कंगना रनोट द्वारा दिए गए भारत विरोधी बयान को अख़बार में पढ़ा। इससे उसे काफी आघात लगा। कंगना ने अपने बयान में कहा था कि 1947 में भारत देश को जो आजादी मिली थी, वह आजादी भीख से मिली थी। असली आजादी साल 2014 में मिली थी, जब देश में मोदी जी की सरकार बनी। इजहार का कहना था कि ऐसा विवादित बयान देकर कंगना ने पूरे भारत देश को बदनाम किया है। उन्होंने दूसरे देशों में भारत का मजाक बनवाया है और अपने देश को नीचा दिखाया है। दलील दी कि भारत की आजादी में कितने माताओं ने अपने बेटों को खोया है। कितनों ने बलिदान दिए हैं। सुखदेव, राजगुरु, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, मौलाना अब्दुल कलाम, रानी लक्ष्मीबाई ने भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। लेकिन इजहार की तरफ से आरोपों को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं दिए जाने पर अदालत ने याचिका खारिज कर दी।