नई दिल्ली, 27 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज घोषणा की कि विवादित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक शीतकालीन सत्र के पहले दिन यानि 29 नवंबर को संसद में पेश किया जाएगा। बता दें कि 3 कृषि कानूनों के खात्मे सहित विभिन्न मांगों के ऊपर आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए आज शनिवार 27 नवंबर को ही संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक हो रही है।
ज्ञात हो कि विगत 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में विवादित तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने अपनी घोषणा में कहा था कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों के फायदे को समझाने में विफल रहा, इसलिए किसानों के हित में वे इन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा पर सभी विपक्षी दलों ने कृषि आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के लिए मुआवजे की मांग को तेज कर दिया है। विपक्षी दलों के अनुसार कृषि कानूनों के विरोध के दौरान 700 से ज्यादा किसानों कि मृत्यु हुई है। उनकी मांग है कि हर मृत किसानों के लिए सरकार की तरफ से एक-एक करोड़ रुपए के मुआवजे का प्रावधान किया जाना चाहिए। हालांकि इस मुआवजे की मांग पर केंद्र सरकार के तरफ से अभी तक कोई प्रावधान नहीं आया है। मगर हो सकता है संसद के इस शीतकालीन सत्र में 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक लाने के साथ इस बारे में भी विचार हो।