उत्तर प्रदेश, 27 मई उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान बहुत बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. एक सरकारी अस्पताल में ग्रामीणों को अलग-अलग वैक्सीन की डोज लगा दी गई. मामला नेपाल की सीमा से सटे सिद्धार्थनगर जिले का है जहां 20 ग्रामीणों को कोवैक्सिन और कोविशील्ड दोनों की खुराकें दे दी गईं
राजधानी लखनऊ से करीब 270 किलोमीटर दूर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण हुआ था. ग्रामीणों को अप्रैल के पहले सप्ताह में कोविशील्ड का इंजेक्शन लगाया गया और फिर 14 मई को उनको दूसरी खुराक के रूप में कोवैक्सिन दे दिया गया.
इस पूरे मामले पर सिद्धार्थनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी संदीप चौधरी ने कहा कि यह निश्चित रूप से एक भूल है. सरकार की ओर से टीकों के कॉकटेल के लगाने के लिए कोई निर्देश नहीं हैं. हमने जांच के आदेश दिए थे और रिपोर्ट मिल गई है. मैंने दोषी लोगों से स्पष्टीकरण मांगा है.
उन्होंने आगे कहा हमारी टीम ने उन सभी लोगों से बातचीत की जिन्हों कोरोना की अलग-अलग वैक्सीन लगाई गई. वे सभी स्वस्थ हैं, फिलहाल किसी को कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि दूसरी तरफ ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग से कोई भी उनकी जांच के लिए नहीं आया था
इसके पहले अप्रैल के पहले हफ्ते में ऐसा ही एक लापरवाही भरा मामला यूपी के शामली में सामने आया था. जब कुछ गांव वालों को करीना की वैक्सीन के बजाए एन्टी रेबीज़ इंजेक्शन लगा दिए गए थे. इसकी जानकारी तब हुई जब कांदला के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पर 72 साल की अनारकली ने टीका लगवाने के बाद ANM को अपना आधार कार्ड दे कर कहा कि वह उनका आधार नंबर दर्ज कर लें. अनारकली कहती हैं कि इस पर एएनएम ने कहा कि कुत्ता काटने का टीका लगाने पर आधार की ज़रूरत नहीं होतr. तब उन्हें पता चला कि उन्हें कुत्ता काटने पर लगने वाला इंजेक्शन लगा दिया गया है.
इसी तरह कानपुर देहात में भी स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का मामला सामने आया है. कानपुर देहात में स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एक एएनएम मोबाइल पर बात करने में इतनी मश्ग़ूल थी कि उसने एक ही महिला को दो बार टीका लगा दिया
इससे पहले महाराष्ट्र के जालना जिले में ऐसा ही मामला आया था जहां एक बुजुर्ग को दो अलग-अलग वैक्सीन लगा दी गई थीं। जालना जिले के खांडवी गांव निवासी दत्तात्रेय वाघमरे (72) ने 22 मार्च को पर्तूर के एक ग्रामीण अस्पताल में कोवैक्सीन की पहली डोज ली थी जबकि 30 अप्रैल को सृष्टि गांव के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्हें कोविशील्ड की डोज दे दी गई थी। इसके बाद कुछ हल्के साइड इफेक्ट की शिकायत हुई थी। सूत्रों के अनुसार इससे पहले ऐसी ही लापरवाही राजस्थान और दिल्ली में भी हो चुकी है।