मुंबई, 29 नवंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान प्रस्तावित क्रिप्टो-मुद्रा कानून पर अद्यतन करने का निर्देश दिया।
यह निर्देश तब आया जब अदालत जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें सरकार को क्रिप्टो-मुद्राओं के बढ़ते खतरे और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के कदाचार को दूर करने के लिए उचित कानून बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि उपयुक्त कानून और वैधानिक अधिकार के अभाव में पीड़ित व्यक्तियों के पास उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कोई तंत्र नहीं है।
याचिकाकर्ता, एडवोकेट आदित्य कदम ने कहा कि निवेशकों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा था और उनका निवेश जोखिम में है क्योंकि भारत में क्रिप्टो-मुद्रा व्यवसाय अनियमित है।
बता दें, "भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने" की मांग वाला एक विधेयक, विधान के 26 टुकड़ों में से एक है जिसे सत्र में संसद में लाने की योजना है।
भारत में वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई विनियमन नहीं है - बिटकॉइन और एथेरियम जैसी विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्राओं का एक सेट जो किसी भी संप्रभु बैंकिंग नियामक द्वारा विनियमित नहीं हैं।