नई दिल्ली, 26 अप्रैल । दिल्ली में पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसार्पशन ) प्लांट न लगाने के आरोपों को दिल्ली सरकार ने बेबुनियाद बताते हुए अपना पक्ष रखा है। सरकार का कहना है कि ‘प्लांट लगाने के लिए केंद्र ने दिल्ली को कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई है।
दिल्ली सरकार के मुताबिक, केंद्र की ओर से दिल्ली सरकार को प्लांट लगाने के लिए कोई धनराशि नहीं दी गई है। पीएम फंड से सारा पैसा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दिया था और प्लांट लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से जमीन मांगी। आठ अस्पतालों के अंदर दिल्ली सरकार की तरफ से जमीन उपलब्ध करवा दी गई। लेकिन मंत्रालय की तरफ से ऑक्सीजन प्लांट बनाने का ठेका सिर्फ एक ठेकेदार को दिया गया है। ठेकेदार ने सिर्फ एक प्लांट का निर्माण किया और बाकी को अभीतक नहीं किया।
पीएम केयर फंड के जरिए दिल्ली के आठ अस्पतालों में पीएसए का ढांचा विकसित करना था। जानकारी के मुताबिक, दीप चंद बंधू अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, डॉ. बीएसए अस्पताल, बुराड़ी अस्पताल, लोक नायक अस्पताल, अंबेडकर अस्पताल, जीटीबी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बनाने थे। इनकी क्षमता करीब 5700 बेड तक ऑक्सीजन पहुंचाने की होती।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार पर लगातार ये आरोप लग रहे थे कि पीएम केयर्स फंड की मदद से चार अस्पतालों में प्रस्तावित ऑक्सीजन प्लांट लगने थे लेकिन दिल्ली सरकार ने इस पर जमीनी धरातल पर कार्य नहीं किया। जिससे आज दिल्ली में ऑक्सीजन की ऐसी कमी है। इस प्लांट के जरिये वातावरण में मौजूद हवा को सोखकर उसमें मौजूद गंदगी को साफ किया जाता है। इसके बाद जियोलाइट केमिकल के जरिये नाइट्रोजन व ऑक्सीजन को पृथक किया जाता है। नाइट्रोजन को वापस वातावरण में छोड़ दिया जाता है, जबकि ऑक्सीजन को पाइपलाइन के जरिये सीधे मरीजों तक पहुंचाया जा सकता है।