शिल्लोंग, 13 अगस्त 2021 हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व नेता चेस्टरफील्ड थांगखियू शुक्रवार तड़के शिलांग के मावलाई-किन्टन मस्सार स्थित अपने आवास पर पुलिस से हुई मुठभेड़ के दौरान मारा गया।
पूर्वी जयंतिया हिल्स पुलिस और पूर्वी खासी हिल्स पुलिस की एक संयुक्त टीम ने राज्य में हाल ही में हुए विस्फोटों के सिलसिले में शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे उनके घर पर छापेमारी की जिसके बाद 56 वर्षीय थांगख्यू पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया।
शिलांग के लैतमुखरा में मंगलवार को एचएनएलसी उग्रवादियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में एक महिला सहित दो लोग घायल हो गए। इससे पहले जुलाई में संदिग्ध एचएनएलसी उग्रवादीयों ने पूर्वी जयंतिया हिल्स जिला मुख्यालय में एक पुलिस रिजर्व बैरक में एक और विस्फोट किया था।
सूत्रों ने बताया कि जैसे ही टीम पूर्व आतंकवादी के घर में दाखिल हुई, उसने टीम पर चाकू से हमला किया और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोलियां चला दीं। पुलिस सूत्रों ने कहा कि वह गोलीबारी में घायल हो गया और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने एचएनएलसी के पूर्व महासचिव के घर से एक 9 एमएम की पिस्टल, एक चाकू, एक लैपटॉप और कई मोबाइल फोन बरामद किए हैं। वहीं पुलिस ने चेस्टरफील्ड के दो साथियों को भी उसके घर से गिरफ्तार किया है।
बता दें, प्रतिबंधित विद्रोही संगठन एचएनएलसी के महासचिव थांगखिव ने अक्टूबर, 2018 में मेघालय के डिप्टी सीएम प्रेस्टन तिनसोंग के सामने शिलांग में आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्हें राज्य के सबसे खूंखार उग्रवादी नेताओं में से एक के रूप में जाना जाता था और वह एचएनएलसी संस्थापक सदस्य थे।
एचएनएलसी नेता ने बांग्लादेश के सिलहट और मौलवीबाजार जिलों में संगठन के छह से अधिक ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
54 वर्षीय थंगख्यू ने अगस्त 1987 में मेघालय के पहले उग्रवादी संगठन हिनीवट्रेप अचिक लिबरेशन काउंसिल (एचएएलसी) में शामिल हुए और महासचिव का पद संभाला था और वह राजनीतिक लामबंदी में सक्रिय रूप से शामिल था। बाद में जब एचएएलसी को भंग कर दिया गया, तो 1997 में एक नया विद्रोही संगठन- एचएनएलसी बनाया गया जिसका वह महासचिव बन गया। वहीं 2004 में उसने बांग्लादेश के लिए मेघालय छोड़ दिया और 2018 में आत्मसमर्पण करने तक कभी नहीं लौटा।