मुंबई, 14 मई, (न्यूज़ हेल्प लाइन)। पंजाब कांग्रेस में एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ दी साथ ही फेसबुक लाइव के दौरान जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व चापलूसों से घिरा हुआ है। इसकी वजह से कांग्रेस का नुकसान हो रहा है। उन्होंने सोनिया गांधी को कहा कि वह पूरे देश में राजनीति करें, लेकिन पंजाब को बख्श दें। जाखड़ ने कहा कि आतंकवाद के दौर में और 1984 में जब AK-47 भी पंजाब में धर्म और जात-पात का भेदभाव न कर सकी, उसे कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने चुनाव के वक्त कर दिया। जाखड़ ने आगे कहा कि आज मुझे उदयपुर में कांग्रेस की हालत देख तरस आ रहा है। कितने नेता चीयरलीडर्स और कितने कड़वी और सच्ची बात कहेंगे? उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का चिंतन शिविर सिर्फ एक फॉर्मेलिटी से ज्यादा नहीं।
नाराजगी की वजह -
- नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाने के लिए उन्हें बेवजह एकदम कुर्सी से हटा दिया गया।
- कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद उन्हें CM बनाने की तैयारी थी। लेकिन अंबिका सोनी के सिख स्टेट सिख CM की बात कहने पर उनका पत्ता कट गया।
- कांग्रेस ने पहली बार पंजाब में हिंदू-सिख की बात की। वह पंजाबी हिंदू हैं और पंजाब में कभी इस तरह का भेदभाव नहीं हुआ।
तीसरी पीढ़ी भी कांग्रेस में -
सुनील जाखड़ की तीसरी पीढ़ी कांग्रेस में है। इस बार उनके भतीजे संदीप जाखड़ कांग्रेस से विधायक बने हैं। टकसाली कांग्रेसी होने के बावजूद वह हाईकमान की उपेक्षा से नाराज रहे। जाखड़ को हाल ही में चुनाव के दौरान बयानबाजी पर नोटिस भेजा गया है। जाखड़ का कहना है कि नोटिस भेजने से पहले कांग्रेस हाईकमान को उनसे बात करनी चाहिए थी। इसी वजह से उन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया। जाखड़ ने स्पष्ट कर दिया कि वह कांग्रेस हाईकमान के आगे नहीं झुकेंगे।