नई दिल्ली, 26 अप्रैल । देश में कोरोना महामारी को लेकर फैलते भ्रम और बिगड़ती स्थिति के बीच शीर्ष डॉक्टरों ने आपस में संवाद कर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की। इस चर्चा में भाग लेते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना आम संक्रमण है। 85-90 प्रतिशत लोगों में यह बुखार और जुकाम होता है। इसमें ऑक्सीजन या रेमडेसिविर की जरूरत नहीं पड़ती है।
देश के शीर्ष डॉक्टरों के साथ रविवार को हुई चर्चा में डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना को लेकर जनता में भय का वातावरण है। यहां तक कि लोगों ने घरों में इंजेक्शन, सिलेंडर रखना शुरू कर दिया है, जिससे इन चीजों की कमी हो रही है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना आम संक्रमण है। 85-90 प्रतिशत लोगों में यह आम बुखार और जुकाम होता है। इसमें सभी को ऑक्सीजन या रेमडेसिविर की जरूरत नहीं पड़ती है।
आगे उन्होंने कहा कि जो मरीज घर पर हैं और जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से अधिक है, तो उन्हें रेमडेसिविर की कोई जरूरत नहीं है। यह दवा उन्हें लाभ कम और नुकसान ज्यादा पहुंचा सकती है।