दिल्ली, 12 मार्च (न्यूज़ हेल्पलाइन) केरल से भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के राज्यसभा सांसद, बिनॉय विश्वम ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को एक पत्र लिखा है और प्रोविडेंट फंड व्याज दर (PF Interest rate) में कमी (8.5% से 8.1%) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
आज शनिवार 12.03.2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के राज्यसभा सांसद, बिनॉय विश्वम ने कहा है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा ब्याज दर (PF Interest rate) को 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1% करने का निर्णय न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह सरकार द्वारा हमारे देश के मेहनतकश लोगों के प्रति चिंता की पूर्ण कमी को भी दर्शाता है। चुनावी जीत के बाद, सत्तारूढ़ दल ने एक बार फिर अपने असली रंग का प्रदर्शन किया है, इस बार ब्याज दर को 43 साल के निचले स्तर पर लाकर भारत के मजदूर वर्ग को बस के नीचे फेंक दिया है।
यह वित्त मंत्रालय की निरंतर स्थिति रही है कि वह बिना ठोस तर्क के EPFO को अपनी ब्याज दरों (PF Interest rate) को कम करने के लिए प्रेरित करें जिससे संगठन का उद्देश्य ही विफल हो जाए। एक संगठन के रूप में जो भारत के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का इरादा रखता है, ब्याज दर में कमी अचेतन है।
पत्र में आगे कहा है कि संगठन (EPFO) के मिशन में ही कहा गया है कि इसका उद्देश्य सदस्यों और पेंशनभोगियों के लिए जीवन की सुगमता सुनिश्चित करना है। ऐसे समय में जब कोविड -19 महामारी ने भारत में लाखों श्रमिकों की वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ जीवन यापन की लागत को भी प्रभावित किया है, ब्याज दर में कमी (PF Interest rate) का मतलब होगा कि 60 मिलियन वेतनभोगी वर्ग के ग्राहकों को महत्वपूर्ण मौद्रिक नुकसान होगा। इन श्रमिकों के लिए, जो भारतीय देश के विकास और प्रगति में योगदान करते हैं, ऐसे कठोर कदमों को अंतिम उपाय के अपवाद के रूप में समझाया जाना चाहिए।
इसके आलोक में, मैं आपसे इस निर्णय पर फिर से विचार करने और 8.5% की वर्तमान ब्याज दर को बनाए रखने का आग्रह करता हूं, जिसमें अपने आप में वृद्धि की आवश्यकता है।