धर्मशाला, 16 अप्रैल । हिमाचल में कोरोना के बढ़ते मामलों से इस बार के पर्यटन सीजन भी संकट के बादल मंडरा गए हैं। अभी पर्यटन सीजन की शुरूआत ही हुई थी कि कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा होने व सरकार की ओर से लगाई गई बंदिशों के चलते होटलों की 90 फीसदी से अधिक बुकिंग रद्द हो गई है। इसका सीधा असर होटल, टैक्सी, ऑटो, टैंटिंग साइट्स, ट्रैकिंग गाइड्स, व पैराग्लाइडिंग सहित रेहड़ी-फड़ी से लेकर हर तरह केे कारोबार तक पर पड़ रहा है। होटलों सहित अन्य पर्यटन कारोबार से जुड़े संस्थानों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। होटल मालिकों ने कर्मचारियों को अनिष्चितकालीन छुट्टी पर घर भेजना शुरू कर दिया है।
पर्यटन कारोबार से जुड़े तमाम लोग तबाही के कगार पर पहुंचने लगे हैं। पिछले बार भी पूरा साल पर्यटन कारोबार कोरोना की भेंट चढ़ गया था। इस बार भी पर्यटन सीजन की शुरूआत में ही कोरोना डराने लगा है। इसके चलते हिमाचल के कारोबारी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। आलम ये है कि होटलों सहित अन्य पर्यटन संस्थानों में काम करने वाले सैकड़ों लोगों को कारोबारियों ने घर भेज दिया है। यानी उन्हें इस साल भी वेतन न मिलने से परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा नये बने होटलों और अन्य नये शुरू किये गए काम-धंधों वाले लोगों को भी बैंक लोन और अन्य कर्जे भरने का बड़ा डर सताने लगा है। कोरोना संक्रमण बढ़ने का सिलसिला ऐसे ही रहा तो हैरान करने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं। समय रहते सरकार और प्रशासन को ऐसी विकट परिस्थितियों से निपटने की तैयारियां करनी होंगी।
उधर, होटल फैडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी बांबा का कहना है कि सरकार और प्रशासन की ओर से सपष्ट दिशा-निर्देश न मिलने से कारोबार बुरी तरह से चौपट हो गया है। होटल कारोबारी ऋण तले दबे जा रहै हैं। पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए न तो कोई ठोस नीति बनाई गई है और न ही इस ओर कोई ध्यान दे रहा है।
वहीं, होटल एसोसिएशन के महासचिव विवेक महाजन व विनोद जोड़ा की माने तो होटलों में काम करने वाले सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गये हैं और कई होने वाले हैं। जिससे होटल इंडस्ट्री में हाहाकार मची हुई है।