हैदराबाद, 28 सितम्बर (न्यूज़ हेल्पलाइन)
रविवार शाम को आए चक्रवात गुलाब ने आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय जिलों में तबाही मचा दी जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। चक्रवात ने अपने पीछे तबाही का मंज़र छोड़ दिया, विशाखापट्टनम जिले में दीवार गिरने से एक महिला की मौत हो गई वहीं विजयनगरम जिले में 13,413 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचा है।
विभिन्न शहरों और कस्बों में बड़ी संख्या में निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है और 253 मंडलों में सोमवार सुबह 8.30 बजे तक 10 सेमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि राज्य में अब भी लगातार बारिश जारी है। इस अवधि के दौरान विशाखापट्टनम और विजयनगरम जिलों में बत्तीस स्थानों पर 25 सेमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई। विशाखापट्टनम हवाईअड्डे पर पानी भर गया। राज्य के वज्रपुकोट्टुरु और संथाबोम्मली मंडलों को चक्रवात से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
तेलंगाना राज्य में भी सोमवार को लगातार बारिश ज़ारी रही जिसमें वहाँ खम्मम जिले के बछोडू में 15 सेंटीमीटर और वायरा में दोपहर तक 14 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। हैदराबाद के कई हिस्सों में भी दिन में भारी बारिश हुई।
चक्रवात गुलाब का असर सोमवार को व्यापक बारिश की सूचना के साथ पड़ोसी राज्य ओडिशा को पर दिखा जिसका असर व्यापक था।
ओड़िशा में चक्रवात के गुजरने पर कुछ ख़ास नुक़सान नहीं हुआ पिछले 24 घंटों के दौरान दर्ज की गई हवा की गति विनाशकारी नहीं थी। गजपति जिले में एक समान वर्षा हुई, जो तीव्र भी नहीं थी। वहीं कोरापुट और मलकानगिरी के दो ब्लॉकों में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है।
इसके विपरीत बताया जा रहा है की आंध्र प्रदेश में बिजली और संचार नेटवर्क क्षतिग्रस्त हो गए और पेड़ों के उखड़ने से उत्तरी आंध्र में कई सड़कों पर यातायात ठप हो गया, जिससे कई गांव कट गए। रविवार शाम से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण, पूर्वी बिजली डिस्कॉम के कर्मियों ने गिरे बिजली के खंभों को युद्ध स्तर पर बदलने का काम किया और उखड़े पेड़ों को हटाने का काम चल रहा था।
मिलीं जानकारी के अनुसार चक्रवात गुलाब की वजह से विजयवाड़ा शहर में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। विजयवाड़ा सहित कई मंडलों में भारी से बेहद भारी बारिश हुई। राज्य के जी. कोंडुरु और बापुलपाडु मंडलों में 10 सेमी से अधिक वर्षा हुई। जिले में सोमवार सुबह 8.30 बजे औसतन 44.4 मिमी बारिश हुई।
मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने चक्रवात के वजह से मारे गए लोगों के परिजनों को ₹5-5 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और मुख्य सचिव आदित्य नाथ दास को उत्तरी तटीय जिलों में राहत कार्यों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने का निर्देश दिया।
वहीं पड़ोसी राज्य के राहत आयुक्त ने कहा कि ओडिशा ने 1,500 से अधिक गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों सहित 46,075 लोगों को दक्षिणी जिलों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
राज्य में जहां 21 ब्लॉकों में 50 मिमी से अधिक बारिश हुई, वहीं कोरापुट के पोटांगी ब्लॉक में सबसे अधिक 148 मिमी बारिश दर्ज की गई। दक्षिणी जिलों में कुछ सड़कें जलमग्न हो गईं लेकिन आपदा प्रतिक्रिया बलों ने उखड़े हुए पेड़ों को हटाकर सड़क संचार बहाल करने के लिए तेजी से काम किया।
रायपुर-विजयनगरम को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 26 पर भूस्खलन के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। NH-26 के साथ सुनकी घाट रोड में 50 मीटर के दो हिस्सों को रोक कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन ने बाधाओं को जल्द ही साफ करने और यातायात बहाल करने का आश्वासन दिया।
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा की, “दक्षिण ओडिशा और उससे सटे दक्षिण छत्तीसगढ़ पर गहरा दबाव पश्चिम की ओर बढ़ गया और दक्षिण ओडिशा और उससे सटे दक्षिण छत्तीसगढ़ पर केंद्रित हो गया। यह लगभग पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले छह घंटों के दौरान एक अवसाद में और बाद के 24 घंटों के दौरान एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र में कमजोर होने की संभावना है।"