जयपुर, 26 मई| कोरोना से हुई मौतों की संख्या को लेकर चौतरफा दबाव झेल रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जांच के आदेश दे दिए हैं। विदित हो कि हाल ही में आये एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि राजस्थान में कोरोना से मरने वालों की वास्तविक संख्या, सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। इसी आधार पर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) लगातार सरकार की आलोचना कर रही है। इसी के जवाब में अशोक गहलोत ने कोरोना से हुए मौतों का ऑडिट करने का निर्णय किया है। ज्ञात हो कि सरकारी रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में कल 25 मई को भी कोरोना से 105 और मौतें दर्ज हुई और कुल मौतों का आंकड़ा 7,911 तक पहुंच गया।
इसी संदर्भ में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल (सेवानिवृत्त) राज्यवर्धन राठौर ने आरोप लगाया था कि राजस्थान सरकार कोरोना से मौतों के वास्तविक संख्या को कम करके बता रही है। राठौर और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के कारण 1 अप्रैल से 20 मई के बीच वास्तव में 14,400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि सरकारी आंकड़ों में इसे मात्र 3900 बता रही है। इन आरोपों के जवाब में अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार COVID-19 मौतों की संख्या में कोई हेर-फेर नहीं कर रही है, और उन्होंने अधिकारियों को राज्य में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों का ऑडिट करने का निर्देश दिया है ताकि वास्तविकता का पता चल सके। उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सरकार को आंकड़ों की नहीं लोगों की जान की चिंता है।
इन्हीं आदेशो के साथ गहलोत ने उन निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जो कोरोना जांच के लिए निर्धारित क़ीमत से ज्यादा दाम वसूल रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने कोरोना टीकाकरण की गति को तेज करने की बात करते हुए कहा कि इससे कोरोना के प्रसार को रोकने में आसानी होगी। ज्ञात हो कि चिकित्सा विशेषज्ञ कोरोना के तीसरी लहर आने की बात कह रहे हैं, जिसका प्रभाव बच्चों पर ज्यादा पड़ सकता है।