नई दिल्ली, 06 मई । दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चरमरा गई है। लोगों की जान बचाना सरकार की जिम्मेदारी है। जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे दिल्ली के सभी कोरोना पीड़ितों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएं।
कोर्ट ने ये आदेश 52 वर्षीय कोरोना संक्रमित एक मरीज की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता ने वेंटिलेटर वाला आईसीयू बेड उपलब्ध कराने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गई है। लोगों को पर्याप्त चिकित्सा उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी है। संविधान का अनुच्छेद 21 जीने की आजादी और स्वतंत्रता की गारंटी करता है। ऐसे में याचिकाकर्ता की मांग को यह कहकर खारिज नहीं किया जा सकता है कि चिकित्सा के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। हमें लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करनी है। ऐसे में हम सरकार को पर्याप्त चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश देते हैं।
कोर्ट ने साफ किया कि केवल इस वजह से कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, उसकी मांग दूसरे कोरोना संक्रमितों से ऊपर नहीं हो जाती है। दिल्ली के सभी नागरिकों को चिकित्सा की सुविधा मिलनी चाहिए। कोर्ट ने सभी नागरिकों को उनकी जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन बेड, आईसीयू या वेंटिलेटर वाला आईसीयू उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।