मुंबई, 24 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बोरवेल में गिरे 10 साल के राहुल को बचाने के लिए खोदे गए गड्ढे और टनल को फिलहाल बंद नहीं किया जाएगा। उस पर अब डॉक्यूमेंट्री बनाई जाएगी। एक तरफ, कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने इस पर डॉक्यूमेंट्री बनाने की बात कही है। उनका कहना है कि इसका इस्तेमाल आगे स्टडी के रूप में किया जाएगा। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। इसके बाद गड्ढे को पाट दिया जाएगा। तब तक गड्ढे की बैरिकेडिंग के लिए PWD को निर्देश दिए गए हैं। दूसरी ओर सामाजिक, न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई बैठक में इस रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ की गई। केंद्रीय दिव्यांग सलाहकार बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने कहा कि एक दिव्यांग बच्चे को बचाने के लिए सरकार ने जो किया, वह उनकी संवेदनशीलता को दिखाता है। बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि सरकार की ओर से की गई यह पहल सराहनीय है। इसमें कई राज्यों के मंत्री भी मौजूद थे।
छत्तीसगढ़ की बाल एवं महिला विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने बोर्ड बैठक में कहा कि जिला पुनर्वास केंद्र दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत संवेदनशील और आवश्यक संस्थान है। इसे जिला चिकित्सालय के अनुरूप विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा अगर केंद्र सरकार सहयोग करे तो इसके लिए राज्य शासन निशुल्क भूमि और संसाधन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कोविड के समय बेरोजगार हुए दिव्यांगों से ऋण वसूली को लेकर नाराजगी जताई। कहा कि उनका लोन खत्म होना चाहिए।
आपको बता दे मालखरौद ब्लॉक के पिहरीद गांव निवासी राहुल साहू (10) 10 जून की दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चल रहा था। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 60 फीट गहरा और इतना ही चौडा था। राहुल मूक-बधिर है। मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। जिसके बाद देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन 5 दिन तक चलाकर राहुल को बचाया गया। खास बात यह है कि राहुल की तबीयत अब बहुत ठीक है और संभवत: उसे शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।