मुंबई, 18 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कर्नाटक के स्कूल शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने राज्य के सभी स्कूलों में मॉर्निंग प्रेयर के बाद राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है। 17 अगस्त का आदेश सभी गवर्नमेंट, सेमी-गवर्नमेंट, निजी स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों पर लागू होगा। सरकारी आदेश लागू होने के बावजूद बेंगलुरु के 3 स्कूलों में राष्ट्रगान नहीं गाया जा रहा था। इसके बाद बेंगलुरु के सार्वजनिक निर्देश विभाग, नॉर्थ और साउथ डिवीजन के उप निदेशकों ने संबंधित स्कूलों का दौरा किया और पुष्टि की कि वहां सुबह की प्रार्थना में राष्ट्रगान नहीं हो रहा था। बेंगलुरु नॉर्थ के डीडीपीआई लोहिताश्व रेड्डी ने कहा कि पिछले हफ्ते उन स्कूलों को नोटिस जारी किए गए थे, जहां छात्र राष्ट्रगान नहीं गा रहे थे। अब उन्होंने आश्वासन दिया है कि अब वहां नियमित रूप से राष्ट्रगान गाया जाएगा। कर्नाटक शिक्षा अधिनियम की धारा 133 (2) के अनुसार नियम है कि सामूहिक प्रार्थना के लिए जगह की कमी होने पर क्लासेस में राष्ट्रगान गाया जाना चाहिए।
कर्नाटक के स्कूल शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने कहा है कि स्कूल और कॉलेज परिसरों में गणेश चतुर्थी मनाने के लिए स्वतंत्र हैं। नागेश ने 17 अगस्त को बेंगलुरु में कहा, "स्कूलों को इस साल गणेश चतुर्थी मनाने की पूरी आजादी है और वे इसे हर साल की तरह जारी रख सकते हैं।" इस बयान की मुस्लिम संगठनों ने आलोचना की, जिन्होंने स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर बैन का सपोर्ट करते हुए गणेश चतुर्थी के लिए मंत्री की हरी झंडी पर सवाल उठाया। कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की स्टूडेंट ब्रांच कैंपस फ्रंट ने नागेश के बयान की निंदा की। संगठन ने कहा कि राज्य सरकार एक समुदाय के पक्ष में अन्य समुदायों की भावनाओं को आहत कर रही है। हालांकि नागेश ने बाद में स्पष्ट किया कि गणेश चतुर्थी को धार्मिक आयोजन नहीं माना जाना चाहिए। यह एक आंदोलन है। यह आजादी के पहले से ही मनाया जाता रहा है।