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केरल के मंदिर में मुस्लिमो की एंट्री बैन, जानिए वजह

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Posted On:Tuesday, April 19, 2022

मुंबई 19, अप्रैल (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केरल के एक मंदिर में मुस्लिमो की एंट्री बैन कर दी गई है जिसके बाद एक बार फिर से विवाद गहराने लगा है। बीते कई दिनों से चल रहे हिन्दू मुस्लिम विवादों में ये बैन एक ननाये विवाद को जड़ दे सकता है। दरअसल कन्नूर जिले के कुंहिमंगलम में मल्लियोडू पलोट्‌टू कावू मंदिर के बाहर एक बोर्ड लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि फेस्टिवल के समय मंदिर प्रांगण में मुस्लिमों को घुसने नहीं दिया जाएगा। जिसके बाद इस मुद्दे पर वाद विवाद शुरू हो गई। आपको बता दे मंदिर में 14 से 19 अप्रैल के बीच विशु त्योहार के  दौरान यह बोर्ड लगाया गया। लेकिन यह पहली बार नहीं था जब इस त्योहार के दौरान मंदिर के बाहर ऐसा बोर्ड लगाया गया हो। ऐसा बोर्ड पिछले साल भी मंदिर के बाहर लगाया गया था।

50 साल पहले ऐसा नहीं था, सभी भाईचारे के साथ शामिल होते थे 

मंदिर में विराजे भगवान का नाम अथियेदम पालोट्‌टू है। मान्यता है कि उन्हें मंदिर में चेम्मारन पनिकर नाम का एक व्यक्ति लेकर आया था। मंदिर के भगवान को विष्णु का पहला अवतार माना जाता है। केरल के उत्तरी मालाबार क्षेत्र में थेय्यम प्रस्तुतियां होती हैं। थेय्यम में नृत्य संस्कार होते हैं, जिसमें नृत्य करने वाला व्यक्ति थेय्यम कहलाता है और उसे ईश्वर से बात करने का जरिया माना जाता है। कन्नूर के लोकसाहित्य के जानकार कन्नन वाईवी ने बताया कि पुराने समय में थेय्यम लोगों पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं था कि वे किसी खास समुदाय से बात नहीं कर सकते हैं। मंदिर में मुस्लिमों की एंट्री बैन करने जैसे डेवलपमेंट पिछले 50 साल में ही हुए होंगे। उत्तरी केरल में थेय्यम लोग समाज में सभी से बात करते थे और कोई उनके लिए अनजान नहीं था। थेय्यम जब मंदिर से बाहर आते थे तो पेड़ों के नीचे बैठे सभी लोगों को 'कुरी' यानी प्रसाद के तौर पर हल्दी दिया करते थे। इन लोगों में मुस्लिम भी शामिल होते थे। थेय्यम लोग मुस्लिमों को मप्पिलावेदम के बारे में भी बताते थे। मप्पिलावेदम के तहत केरल में इस्लाम से जुड़ी भ्रांतियों का जिक्र होता है। कन्नन ने बताया कि बाद में बाड़ा हटा दिया गया और उसकी जगह पर बड़ी इमारतें बना दी गईं।

सभी ने की निंदा 

कन्नूर जिले के CPI(M) के जिला सेक्रेटरी एमवी जयाराजन ने कहा कि मंदिर के बाहर ऐसा बोर्ड लगाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और अच्छा होगा अगर इस बोर्ड को हटा दिया जाए। तो वही डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने मंदिर में मुस्लिमों के घुसने पर रोक लगाने पर विरोध दर्ज कराया है। संस्था का कहना है कि कुंहिमंगलम जैसी जगह अपने भाईचारे और संस्कृति के लिए जानी जाती है। ऐसी जगह पर ऐसा बोर्ड लगाना धर्मनिरपेक्ष समाज के लिए एक चुनौती है। अपनी फेसबुक पोस्ट में संस्था ने कहा कि पिछले साल इतने विरोध प्रदर्शन होने के बाद भी प्रशासन ने वही काम किया है, यह शर्मनाक है।


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