गढ़चिरौली (महाराष्ट्र), 22 सितंबर (न्यूज हेल्पलाइन) महाराष्ट्र के वनाच्छादित जिले गढ़चिरौली में विगत 2 वर्षों से एक आदमखोर बाघ ने कोहराम मचा रखा है। विगत दो वर्षों के दौरान इस आदमखोर बाघ ने इस क्षेत्र में रहने वाले 15 लोगों की जान ले ली है।
ज्ञात हो कि विगत समय में भी स्थानीय लोगों ने वन विभाग से बारम्बार शिकायत की मगर परिस्थितियों के कारण उस आदमखोर बाघ को नहीं ढूंढा जा सका। अब चुकी उस बाघ ने विगत दिनों से हमले तेज कर दिए हैं, इसलिए मजबूर होकर वन विभाग को भी अपनी ओर से कार्रवाई को तेज करना पड़ गया है। ज्ञात हो कि विगत दिनों 15 गांवों के नागरिकों ने गढ़चिरौली के मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय का घेराव भी किया था और कार्यालय के बाहर ताला तक लगा दिया था। इसके बाद ऊपर से कार्रवाई का आदेश आया।
वन विभाग ने अपनी कारवाई के तहत स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स और रैपिड रेस्क्यू टीम की संयुक्त टीम ने गढ़चिरौली में 15 लोगों की जान लेने वाले बाघ की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाया हुआ है। टायगर रिसोर्ट से RRT (रॅपिट रिस्पांन्स टीम) टीम ने बाघ को पकडऩे की मुहिम शुरू कर दी है।
बता दें कि बाघ को पकड़ने के लिए कई स्थानों पर पिंजरे लगाने के बावजूद भी कुछ दिन पहले एक चरवाहा बाघ का शिकार बन गया था। जिससे क्षेत्र के लोगों में बाघ की दहशत पुन: कायम हो गया। स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स और रैपिड रेस्क्यू टीम के एक सदस्य का कहना है, "हम बाघ की तलाश में रोजाना करीब 40 किलोमीटर पैदल चलते हैं, लेकिन अभी तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है।"
गढ़चिरौली में विशेष बाघ सुरक्षा बल के सदस्य दिलीप कौशिक ने इस अभियान के बारे में बात करते हुए बताया कि लगातार हो रही बारिश ने हमारा काम मुश्किल कर दिया है। चूंकि इस क्षेत्र में कई बाघ हैं, इसलिए अलग-अलग बाघ की पहचान करना काफी चुनौतीपूर्ण है। क्षेत्र में लगभग 150 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। उम्मीद है कि वह आदमखोर बाघ जल्द ही पकड़ा जाएगा।