मुंबई, 1 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख अपने खिलाफ जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच में शामिल होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय पहुंचे हैं। ज्ञात हो कि वे लंबे समय से ED के समक्ष पेश होने से बचने के लिए उपाय क रहे थें। मगर विगत 29 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट में उनकी याचिका खारिज होने के बाद ED के समक्ष पेश होने के अलावे उनके पास कोई विकल्प नहीं बच गया था।
ज्ञात हो कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पुलिस अधिकारियों की मदद से बड़े-बड़े व्यवसायीयों से हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का करवाने का आरोप लगाया था। इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच कर रही केन्द्रीय संस्था प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बारम्बार बुलाने पर भी अनिल देशमुख ED के कार्यालय में पेश नहीं हुए।
बल्कि ED से बचने के लिए उन्होंने कई कानूनी पेंच लगाई, और बचते रहें। मगर जब बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय में बुलावे से बचने के लिए अनिल देशमुख द्वारा डाली गई याचिका ठुकरा दी गई और उन्हे ED के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया तो अनिल देशमुख के पास कोई विकल्प नहीं बच गया था। ज्ञात हो कि इसके बीच पूर्व गृह मंत्री के कई ठिकानों पर सीबीआई और ED ने तलाशी भी ली थी, मगर वह वहां भी नहीं मिले थे।
आज ED के कार्यालय में पेश होने पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एक स्व-निर्मित वीडियो में कहा कि आज मैंने खुद को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश किया है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए। वह आज कहाँ है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने देश छोड़ दिया है।