ताजा खबर
आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||    फैक्ट चेक: कानपुर में हुई युवक की पिटाई का वीडियो 'ब्राह्मण पर पुलिसिया अत्याचार' के गलत दावे के साथ...   ||    वानखेड़े स्टेडियम में प्रदर्शन के बाद धोनी ने युवा प्रशंसक को मैच बॉल गिफ्ट की   ||    फैक्ट चेक: मंदिर से पानी पीने के लिए नहीं, फोन चोरी के शक में की गई थी इस दलित बच्ची की पिटाई   ||    Navratri 2024: नवरात्रि के 7वें दिन करें सात उपाय, नौकरी और कारोबार में मिलेगी सफलता   ||    यूपीएससी रियलिटी चेक: उत्पादकता, घंटे नहीं, सबसे ज्यादा मायने रखती है; आईएएस अधिकारी का कहना है   ||    Breaking News: Salman Khan के घर के बाहर हुई फायरिंग, बाइक सवार 2 हमलावरों ने चलाई गोली, जांच में जु...   ||    चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने लिया ब्रेक, अचानक मिठाई की दुकान पर पहुंचे, गुलाब जामुन का उठाया लुत्...   ||    13 अप्रैल: देश-दुनिया के इतिहास में आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ   ||   

हाईकोर्ट ने कश्मीरी पंडितों का नरसंहार केस दुबारा खोलने के दिए आदेश, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Friday, August 26, 2022

मुंबई, 26 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने पुलवामा के नदीमर्ग में हुए कश्मीरी पंडितों का नरसंहार केस दोबारा खोलने का आदेश दिया है। नदीमर्ग में 23 मार्च 2003 की रात को सेना की वर्दी पहनकर आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 24 कश्मीरी पंडितों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आपको बता दे, कश्मीरी पंडितों को 1990 के दशक में घाटी से भागने पर मजबूर किया गया था। जो कश्मीरी हिन्दू कश्मीर छोड़ कर नहीं गए उन पर अत्याचार होने लगे। इसी कड़ी में नदीमर्ग में आतंकियों ने 23 मार्च 2003 की रात 24 कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया था। लश्कर-ए-तैयबा के 7 आतंकी सैन्य वर्दी में पुलवामा जिले के नदीमर्ग में आए। 

सभी हिंदुओं को उनके नाम से पुकार कर घर से बाहर बुलाया। इसके बाद महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया और सबके सामने उनके कपड़े फाड़े गए। फिर 24 कश्मीरी पंडितों को लाइन में चिनार के पेड़ के नीचे इकट्‌ठा किया। इसके बाद उन्हें गोलियों से भून डाला। इस नरसंहार में जान गंवाने वालों में 11 पुरुष, 11 महिलाएं और 2 छोटे बच्चे शामिल थे, जिनमें से एक 2 साल का था। इसके बाद आतंकियों ने महिलाओं के शवों से गहने उतारे और घरों में लूटपाट भी की। रिपोर्ट्स के अनुसार पॉइंट ब्लैंक रेंज से उनके सिर में गोलियां मारी गई थीं।

हत्याकांड के बाद जैनापुर में FIR दर्ज की गई थी। पुलवामा सेशन कोर्ट में 7 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई थी। बाद में केस शोपियां सेशन कोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया था। ट्रायल में हो रही देरी के बाद प्रॉसिक्यूशन ने दलील दी थी कि इनमें से कई गवाह कश्मीर से बाहर जा चुके हैं और खतरे की वजह से बयान देने के लिए नहीं आना चाहते। जिसके बाद सेशन कोर्ट ने 9 फरवरी 2011 को इस केस के गवाहों के बयान कमीशन के जरिए लेने की मांग खारिज कर दी थी। इसके बाद प्रॉसिक्यूशन ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट क्रिमिनल रिवीजन पिटीशन दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर 2011 को इस याचिका को बिना कोई कारण बताए खारिज कर दिया था। 

फिर साल 2014 में राज्य सरकार ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। साथ ही मामले की नए सिरे से सुनवाई के लिए या वैकल्पिक रूप से मामले को जम्मू की किसी अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की, ताकि विस्थापित गवाह बिना किसी डर के कोर्ट में पेश हो सकें। कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया। इसके बाद राज्य ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस पर SC ने मामला दोबारा खुलवाने के लिए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा।अब हाईकोर्ट के जस्टिस संजय धर ने यह आदेश वापस लेते हुए केस रीओपन करने की याचिका मंजूर कर ली है। हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई 15 सितंबर 2022 को करेगा।

हाईकोर्ट में केस को रीओपन करने की मांग स्वीकार करते हुए जस्टिस संजय धर ने कहा कि आदेश वापस लेने और फैसले का रिव्यू करने के पावर में फर्क है, इसलिए इस कोर्ट के पास ऐसे आदेश को वापस लेने का अधिकार है। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जस्टिस धर ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा लगता है कि केस की सुनवाई में हो रही देरी के बाद प्रॉसिक्यूशन ने ट्रायल कोर्ट से कमीशन के जरिए गवाहों के बयान लेने की अनुमति मांगी थी, क्योंकि ये गवाह कश्मीर छोड़ चुके थे और डर के कारण शोपियां में निचली अदालत के सामने पेश होने से हिचक रहे थे।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.